सत्य खबर,नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी सेना के एक जवान को यह कहते हुए गिरफ्तारी से राहत दे दी कि आखिर पीडि़ता रात को 8 बजे आरोपी से मिलने होटल के कमरे में क्यों गई। यह जवान फिलहाल जम्मू कश्मीर में कार्यरत है। जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने आरोपी जवान द्वारा दायर अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि आरोपी और शिकायकर्ता के बीच पहले से संबंध थे। पीठ ने पीडि़ता के वकील से सवाल किया कि रात के आठ बजे पीडि़ता आरोपी से मिलने होटल के कमरे में क्यों गई।
जिस पर वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता और आरोपी पहले से एक दूसरे से परिचित थे। उन्होंने दावा किया कि होटल में चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया गया और इसके बाद दुष्कर्म किया गया। आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह भी कहा गया कि उसने शादी का झांसा देकर युवती के साथ संबंध बनाए थे।
वहीं सेना के जवान की ओर से पेश वकील सुमित सिन्हा ने कहा कि याचिकाकर्ता और पीडि़ता के बीच संबंध दोनों की मर्जी से बनाए गए थे। दोनों एक-दूसरे को वर्ष 2017 से जानते थे। याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके रिश्ते में तब खटास आ गई जब लडक़ी के माता-पिता शादी को लेकर मिले थे।
जिसके बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस में मामला दर्ज करा कर उस पर रेप का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता के वकील सिन्हा ने यह भी कहा कि इस मामले में चार्जशीट दायर होने तक वह जमानत पर था और अब ट्रायल शुरू हो चुका है। इसलिए उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का कोई मतलब नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर गौर करने के बाद आगरा के एक थाने में दर्ज इस मामले में जवान को गिरफ्तारी से राहत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता युवती को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
वहीं इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी आरोपी जवान को 3 महीने के लिए राहत देते हुए कहा था कि राहत तीन महीने के बाद नहीं बढ़ाई जाएगी। हाईकोर्ट के इस आदेश को जवान ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी सेना के जवान को गिरफ्तारी पर राहत प्रदान की है।
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