सत्यखबर पलवल, (मुकेश बघेल) – भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचाव के लिए राष्ट्र व्यापी लॉकडाउन 4 के दौरान खिलाडिय़ों की सुविधा के लिए सभी खेल परिसरों को अभ्यास के लिए खोलने की गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसके चलते आगामी 31 मई तक सभी खेल परिसरों के खिलाड़ी सोशल डिस्टेन्स की पालना करते हुए छोटे-छोटे ग्रुप्स में अभ्यास कर सकेंगे हालांकि इस दौरान दर्शकों की आवाजाही नहीं रहेगी। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव ने नई गाइडलाइन को लेकर खेल स्टेडियम में खिलाडिय़ों की सुविधा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया है।
उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा कि राज्य सरकार के आदेशानुसार खिलाडी अब सोशल डिस्टेंस के नियमों की पालना करते हुए खेल प्रांगण में अभ्यास कर सकेंगे। इन खेल प्रांगणों में खिलाडियों और प्रशिक्षकों में कम से कम दो मीटर का डिस्टेंस होना बहुत जरूरी है। अहम पहलु यह है कि खिलाडियों को छोटे-छोटे ग्रुप्स में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा और खेल प्रांगण तथा कार्यालय में निर्धारित स्थलों पर सेनिटाइजर का प्रयोग किया जाना जरूरी है।
उपायुक्त ने सरकार से मिले निर्देशों की अनुपालना में एसओपी की जानकारी देते हुए बताया और प्रशिक्षकों व स्टाफ के सदस्यों को अरोग्य सेतू एप का प्रयोग करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि खिलाडियों और प्रशिक्षकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि खेल परिसरों में एसी के इस्तेमाल के लिए लोक निर्माण विभाग की गाइडलाइन को अपनाना होगा। खेल विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी खिलाडियों और प्रशिक्षकों की थर्मल स्क्रीनिंग करवाई जाए और सभी का बकायदा रिकार्ड भी रखा जाए।
खेल प्रागंणों में आने वाले खिलाडियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोविड-19 की एडवायजरी के बारें में जागरूक करना बहुत जरूरी है। उपायुक्त ने कहा कि खेल प्रागंण के प्रवेश पर सेनिटाइजर का प्रयोग जरूरी है और यहां पर सेनिटाइजर का प्रयोग करने बारें गाइडलाइन को भी चस्पाया जाना जरूरी है। इसके अलावा खिलाडियों, चिकित्सकों के कमरों तथा डायनिंग हॉल में भी सेनिटाइजर का रखना बहुत जरूरी है।
उपायुक्त ने कहा कि खिलाडियों और प्रशिक्षकों को खेल प्रागंण के क्षेत्र में सोशल डिस्टेंस के नियमों की पालना करने के साथ-साथ मास्क का प्रयोग करना बहुत जरूरी है। प्रशिक्षक इस बात पर ध्यान देंगे कि कोई भी खिलाडी आपस में हाथ ना मिलाएं और खेलते समय एक दूसरे की बॉडी को टच ना करें। इसके अलावा खेल स्टेडियम में बन्दूक, तलवार, जैवलीन, डिस्कस, क्रिकेट बैट, रैकेट आदि सामान को खिलाडी एक दूसरे के साथ शेयर नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि खेल प्रांगणों में स्वास्थ्य सेवाओं के सभी कमरों और फर्नीचर का सबुह 8 बजे से पहले और दोबारा 11 बजे सेनिटाइज करवाना जरूरी है। अगर किसी एथलीट की उम्र 18 वर्ष से कम है तो प्रशिक्षक को उसके अभिभावक से लिखित में लेना होगा कि खेल प्रागंण में कोविड-19 को लेकर किसी भी घटना के अभिभावक ही जिम्मेवार होंगे। इसी प्रकार स्वीमिंग पूल को किसी भी स्थिति में खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी और प्रशिक्षक गर्मी को देखते हुए खिलाडियों के प्रशिक्षण का शैडयूल तैयार करेंगे।
छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर देना होगा प्रशिक्षण
उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा कि खेल प्रांगणों में खिलाडियों को प्रशिक्षण देने से पहले 8 से 10 खिलाडियों का एक ग्रुप बनाना होगा। अगर खिलाडियों की संख्या ज्यादा है तो 8 से 10 खिलाडियों के छोटे-छोटे कई ग्रुप बनाने होंगे। इन ग्रुप में भी खिलाडियों और प्रशिक्षकों को कम से कम दो मीटर का सोशल डिस्टेंस रखना होगा। इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि प्रशिक्षण के दौरान एक दूसरे खिलाडी की बॉडी आपस में टच ना हो। खेल प्रांगण में फ्री हैंड एक्सरसाइज और योगा आसन पर विशेष ध्यान देना होगा।
अगर किसी टीम इवेंट में 18 खिलाडी और 2 कोच है तो वह 1 घंटा निर्धारित संख्या में ग्रुप को प्रशिक्षण देंगे और उसके बाद दूसरे ग्रुप को प्रशिक्षण देंगे। इसके अलावा किसी व्यक्तिगत गेम में प्रशिक्षक को तय करना होगा कि एक समय में 10 से ज्यादा खिलाडी ना हो। प्रशिक्षक को इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि एक ग्रुप के स्टेडियम छोडने के बाद ही दूसरे ग्रुप को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाएगा।
पोषक युक्त आहार पर रखना होगा विशेष फोकस
राज्य सरकार के नियमों के अनुसार प्रशिक्षण केन्द्र में ही ताजा फल और पैक भोजन की व्यवस्था करवानी होगी। यह पैक भोजन 24 घंटे खुली जगह पर रखना होगा, अगर खिलाडियों को फल और सब्जियां वितरित की जानी है तो इनकों पहले अच्छी तरह से धोना होगा। इन फल और सब्जियों को स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस के अनुसार खाने से कुछ घंटे पहले पानी में नींबू, नमक डालकर अच्छी तरह से धोना होगा और फिर सुखाकर उसका प्रयोग करना होगा।
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