सत्य खबर, चण्डीगढ़
हरियाणा सरकार द्वारा एमएसएमई के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए हरियाणा को राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल हुआ है। वीरवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा उद्यमी-भारत कार्यक्रम के तहत आयोजित ‘एमएसएमई नेशनल अवार्ड’ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा को यह अवार्ड दिया गया। एमएसएमई के क्षेत्र में हरियाणा देश के टॉप-3 राज्यों में शामिल है। इस अवसर पर हरियाणा की औद्योगिक नीतियों की काफी तारीफ हुई। डिप्टी सीएम ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय का धन्यवाद किया कि उन्होंने राज्य एमएसएमई के विकास को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के साथ-साथ हरियाणा छोटे एवं लघु उद्योगों के मामले में भी टॉप परफॉर्मिंग स्टेट्स में बना हुआ है। दुष्यंत चौटाला ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के सभी उद्यमियों को भी बधाई दी और कहा कि हमारा हमेशा से संकल्प रहा है कि प्रदेश में नए उद्योग लगें, उनका विकास हो और हमारे युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले।
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उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से आर्थिक विकास किया है और इसमें हमारे एमएसएमई का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 9.7 लाख एमएसएमई है जो कि बढ़ती अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार ने एमएसएमई के लिए कई नई योजनाएं और पहल आरंभ की है ताकि उनको संस्थागत सलाह और सुविधा प्रदान की जा सके। साथ ही एक मजबूत नीतिगत ढांचा भी बनाया जा सके।
डिप्टी सीएम ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में एमएसएमई का समर्थन करने के लिए एक समर्पित विभाग ‘एमएसएमई निदेशालय’ की स्थापना की हुई है और इससे बाजार, प्रौद्योगिकी और कुशल श्रमिकों तक पहुंच आसान हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में औद्योगिक विकास, विशेषकर एमएसएमई के लिए लक्षित नीतियां लेकर आई है।
उपमुख्यमंत्री ने राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में बताया कि हरियाणा ने ‘वोकल फॉर ग्लोबल’ के सिद्धांत पर चलतेे हुए अपनी तरह का एक प्रोग्राम ‘पदमा’ शुरू किया है जिसका मुख्य उद्देश्य खंड स्तर पर एक गतिशील, आत्मनिर्भर और संपन्न औद्योगिक बुनियादी ढांचा तैयार करना है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार एमएसएमई के विकास के लिए भारत सरकार के क्लस्टर विकास दृष्टिकोण पर पूरा फोकस कर रही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना पर जोर देने के अलावा हरियाणा अपनी तरह की पहली ‘राज्य मिनी क्लस्टर योजना’ भी लेकर आया है। उन्होंने बताया कि अब तक, एमएसई-सीडीपी योजना के तहत हरियाणा से 140 करोड़ रुपए की लागत के 9 क्लस्टरों को मंजूरी दी गई है। इसमें से भारत सरकार की ओर से 58 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है जबकि राज्य मिनी क्लस्टर विकास योजना के तहत प्रदेश में 43 एमएसएमई क्लस्टर की विभिन्न पहलें, जिनकी कीमत 119 करोड़ रुपये से अधिक है, आरंभ की गई हैं। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार के इन व्यापक क्लस्टर विकास प्रयासों से हरियाणा में 8,000 से अधिक एमएसएमई लाभान्वित हुए हैं।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में भी कई कदम उठाए हैं और आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थित में ‘स्टेट इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के पांचवें संस्करण को जारी किया गया। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि इसमें भी हरियाणा राज्य टॉप अचीवर्स कैटेगरी में शामिल है।
इस कार्यक्रम में हरियाणा के दो एमएसएमई को भी अवार्ड मिला है। इनमें डॉ. हरजिंद्र कौर तलवार को वुमैन कैटेगरी के स्मॉल सर्विस एंटरप्राइज में प्रथम तथा रिषभ गुप्ता को मैन्युफैक्चरिंग माइक्रो इंटरप्राइज की ओवरऑल कैटेगरी में तीसरे स्थान का अवार्ड मिला है। इनके अलावा, भारत सरकार द्वारा आज वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा ‘स्टेट इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के पांचवें संस्करण को जारी किया गया। इसमें भी हरियाणा राज्य टॉप अचीवर्स कैटेगरी में शामिल है। हरियाणा के अलावा टॉप अचीवर्स कैटेगरी में आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल है।
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