सत्य खबर, यमुनानगर
यमुनानगर आधी रात गोलियों से दहल उठा. देर रात लगभग 2 बजे हुए गैंगवार में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक की शिनाख्त जानू के रूप मे हुई है जो कि कांग्रेस के नेता राजेंद्र वाल्मीकि का बेटा है. उसके के सिर में दो गोलियां लगी जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. इस वारदात में 3 अन्य लोग गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हैं.
गैंगवार की यह वारदात जगाधरी में स्थित एक निजी पैलेस के बाहर हुई है.मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार रात करीब 2 बजे जानू और उसके साथी एक शादी समारोह से खाना खाकर बाहर निकले ही थे. इसी दौरान एक कार पर सवार होकर आए करीब एक दर्जन हमलावरों ने नजदीक से फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान जानू के सिर में गोलियां लगीं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जबकि जानू के तीन अन्य दोस्त रजत, अनमोल और एक अन्य भी गोलीबारी में घायल हुए हैं. इन तीनों को फौरन एक निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया.
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घटना की जानकारी मिलते ही भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची. पुलिस ने घटनास्थल से गोली के 10 खोल बरामद किए हैं. जबकि एक मैगजीन मिला है.30 दिसंबर 2021 को भी हुआ था हमला- गौरतलब है कि जानू पर इससे पहले भी हमला हो चुका है. इससे पहले जानू पर बीते 30 दिसंबर 2021 को भी दो बाइक सवार युवकों ने गोलियां चलाई थी. उस दौरान यह घटना दशमेश कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. जिसमें हमलावर भागते हुए नजर आए थे. इसके बाद परिजनों ने आरोपियों के नाम भी पुलिस को दिए थे लेकिन पुलिस ने उस संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं की.
बड़े भाई की संदिग्ध हालात में हुई थी मौत- बता दें कि 25 अप्रैल 2020 को राजेंद्र बाल्मीकि के बड़े बेटे रमण बाल्मीकि की जिला जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. रमन ने 3 दिन पहले ही एक मामले में थाने में सरेंडर किया था. जिसके बाद उसे कोर्ट ने जिला जेल में भेज दिया था. राजेंद्र बाल्मीकि ने इसको लेकर जेल पुलिस प्रशासन पर अपराधियों से मिलीभगत के भी आरोप लगाए थे जिसकी जांच अभी तक की जा रही है.
पुलिस के मुताबिक राजेंद्र वाल्मीकि के बेटों के साथ 3 साल पहले सुदल के रहने वाले सचिन के साथ विवाद हुआ था. इस विवाद में दोनों तरफ से कई युवक घायल हुए थे. दोनों ओर से मुकदमे दर्ज हुए. राजेंद्र वाल्मीकि के बेटा रमन वाल्मीकि भी जेल चला गया और वहां पर उसकी मौत हो गई थी. तब भी राजेंद्र वाल्मीकि के परिवार ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले को एससी आयोग तक ले गए थे.
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