सत्य खबर, हिसार
जेलों में मोबाइल मिलने के सिलसिले हैं कि रूकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। जानकार इसके पीछे भ्रष्टाचार का खेल बता रहे हैं। वहीं इसके लिए जिम्मेवारों पर सख्त कार्यवाही नहीं होना ही इन सिलसिलों को रूकने नहीं दे रहा है। ताजा मामला हिसार में सेंट्रल जेल मे सर्च के दौरान कुख्यात बदमाश और महिला सरपंच पति बबलू उर्फ आनंद बडेसरा (भिवानी) के पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ है। खास बात है कि इससे पहले आनंद जेल से ही सुपारी देकर अपने गांव के बलजीत हत्याकांड के मुख्य गवाह राजकुमार की हत्या का प्रयास कर चुका है। जेल उपाधीक्षक के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज कर मोबाइल फोन की काल डिटेल निकालने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। आनंद से जुड़े इस केस में कई मर्डर हो चुके हैं
बताया गया है कि हिसार की सेंट्रल जेल-1 में गुरुवार को जेलर कुलदीप सिंह ने गार्द के साथ मिलकर ब्लॉक -8 में कमरा नंबर 3 की औचक तलाशी कराई। इस कमरे में अन्य बंदियों के साथ कुख्यात आनंद निवासी गांव बडेसरा, जिला भिवानी को चक्की में बंद किया गया है। छानबीन के दौरान यहां से चक्की के अंदर बने बाथरुम की तलाशी भी ली गई। इस दौरान वार्डर यशपाल सिंह ने बाथरुम में रखी प्लास्टिक की कटोरी में रखी बर्तन धोने की साबुन के नीचे एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। इसे साबुन के नीचे इस तरह से छिपाया गया था कि किसी को नजर न आए।
ऑन नहीं हो रहा फोन
जेल उपाधीक्षक धर्मबीर सिंह ने इसके बाद मामले की शिकायत सिविल लाइन पुलिस थाना हिसार में की। साथ ही पुलिस को बरामद मोबाइल फोन भी सुपुर्द कर दिया है। जांच अधिकारी हैड कांस्टेबल अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस ने जेल उपाधीक्षक की शिकायत पर बंदी आनंद पुत्र कपूर सिंह निवासी गांव बड़ेसरा के खिलाफ परिजन एक्ट की धारा 42 के तहत केस दर्ज किया है। जो फोन बरामद हुआ है वह KECHAODA (A-27) है और उस पर से IMEI नंबर मिटाया गया है। काफी प्रयास के बावजूद फोन ऑन नहीं हुआ। पुलिस की छानबीन जारी है।
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ये था बड़ेसरा हत्याकांड
भिवानी के गांव बड़ेसरा में हुई हत्या में पूर्व सरपंच सुदेश के पति आनंद और इसके परिवार के कई लोग और सोनीपत के कई बदमाश जेल में है। आनंद की पत्नी सुदेश की सरपंच थी। इसको लेकर गांव के ही आरटीआई एक्टिविस्ट बलजीत ने साबित कर दिया कि सरपंच का दसवीं का सर्टिफिकेट जाली है। इस मामले में महिला सरपंच, सरपंच पति व दो शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ और उन्हें जेल जाना पड़ा। इसी रंजिश के चलते दोनों पक्षों में विवाद बढ़ चला है।
इसके बाद दो सरपंच परिवारों में दुश्मनी शुरू हो गई और कई की जान जा चुकी है।इसमें बलजीत की 2017 में हत्या हुई थी। बाद में उसके पिता भले सिंह की भी हत्या हो गई। इस पूरे मामले में गांव का ही राजकुमार मुख्य गवाह है। उसको भी घर में घुस कर गोली मारी गई, लेकिन वह बच गया। इसके बाद 15 अक्टूबर 2019 को चुनावी सभा में बलजीत के भाई पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या हो गई।
जेल से ही दी थी सुपारी
गांव बड़ेसरा में सरपंच हत्याकांड के मुख्य गवाह राजकुमार पर 13 जुलाई 2021 को जानलेवा हमला हुआ था। इसके तार जेल से जुड़े थे। बाद में सोनीपत के चार बदमाशों को पुलिस ने पकड़ा तो खुलासा हुआ कि जेल में बंद पूर्व सरपंच आनंद ने जेल से ही अजय निवासी फाजिलपुर सोनीपत, दीपक उर्फ बॉक्सर निवासी देवसर भिवानी, रोहित उर्फ काला निवासी फाजिलपुर सोनीपत, अमन उर्फ रसगुल्ला निवासी बंदेपुर सोनीपत को उसकी हत्या की सुपारी दी थी। उसने बदमाशों को इसके लिए जेल में रहते हुए ही 2.73 लाख रुपए दिए थे। फोन पर इनसे बात भी की थी।
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