सत्यखबर, चढ़ीगड़
बता दे की पराली के प्रबंधन की दिशा में हरियाणा सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। रिन्यूवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (हरेडा) और इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) मिलकर पराली से कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) बनाएंगे। हरियाणा में करीब 200 सीबीजी प्लांट लगाए जाएंगे। पहले चरण में 66 कंपनियों को प्लांट लगाने की मंजूरी दी गई है।वहीं इस पहल से हरियाणा वासियों को पराली से हर साल फैलने वाले प्रदूषण से काफी हद तक निजात मिलेगी। प्रदेश में हर साल धान के सीजन में करीब 60 लाख मीट्रिक टन पराली निकलती है। इसमें से 30 लाख फसली अवशेषों का निस्तारण खेतों में ही हो जाता है। बाकी 30 लाख मीट्रिक टन फसली अवशेष किसानों द्वारा जलाए जाते हैं।
पहले चरण में 26 लाख टन पराली प्रबंधन वाले 66 प्लांट लगाए जाएंगे। इनमें कंप्रेस्ड बायो गैस के अलावा फर्टिलाइजर भी बनेगा। आयल कंपनियों ने अपने पेट्रोल-सीएनजी पंपों पर कंप्रेस्ड बायो गैस बेचने का भी फैसला लिया है। सीबीजी प्लांट लगाने वाली कंपनियों को यह गारंटी दी गई है कि उनकी कंप्रेस्ड बायो-गैस को 46 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाएगा।
सीबीजी के प्लांट अलग-अलग कंपनियां आइओसीएल के अलावा हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत गैस आदि ऑयल कंपनियों के साथ टाई-अप करके स्थापित करेंगी। आइओसीएल ने जिन 66 कंपनियों को मंजूरी दी है, उनमें भिवानी, नारायणगढ़, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद, इंद्री, करनाल, कलायत, सोनीपत, पलवल, यमुनानगर, बरवाला, खरखौदा, हथवाला, खरड़, कलानौर, चरखी दादरी, पटौदी, नूंह, गुरुग्राम, हिसार, पानीपत, गोहाना, असंध, झज्जर, रेवाड़ी, रोहतक, आसन, दिनोद, दनौदा, दत्ता (हिसार), दामला, पिहोवा आदि शहरों की कंपनियां शामिल हैं।
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