सत्यखबर, चंडीगढ़: स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने जारी किए बयान में कहा कि राज्य में आढ़तियों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी गेहूं की खरीद अभी भी सुचारू तरीके से नहीं हो पा रही है। खरीद केंद्रों पर ठीक से खरीद नहीं हो रही, क्योंकि सरकार की व्यवस्था में गड़बड़ है। गेहूं के उठान की गति धीमी है। कई जगह से खबरें आ रहीं है कि मार्केटिंग कमेटी के लोग खरीद के लिए किसानों को बुलाने में मन मर्जी कर रहे हैं क्योंकि इसकी कोई पारदर्शी योजना नहीं है। योगेन्द्र यादव ने सरकार से मांग की कि सरकार एक पारदर्शी क्राइटेरिया बनाये जिससे किसानों व आढ़तियों सब को पता हो कि किस दिन किसको गेहूं खरीद केंद्र पर लानी है। हरियाणा में सरसों की खरीद की गति बहुत कम है, पूरी फसल खरीदने का वचन देने वाली सरकार अभी 11 दिनों में 13 फीसदी सरसों भी नहीं खरीद पाई है। सरकार की वेबसाइट के आंकड़े दर्शाते हैं कि 20 तारीख के बाद सरसों खरीद की गति बहुत धीमी हो गई है। 15 से 19 अप्रैल के बीच पांच दिन में करीब 10 फीसदी सरसों खरीदी गई थी जबकि पिछले छह दिनों में केवल 5 फीसदी । इससे सरसों उत्पादकों में चिंता बनी हुई है। इतना ही नहीं गेहूं खरीद की गति भी बहुत कम है। गेहूं के साढ़े सात लाख उत्पादकों में से अभी ढेड़ लाख किसानों को गेट पास नहीं मिला है। जिनको गेट पास मिल गया उनमें से भी आज दोपहर 5 बजे करीब 25 फीसदी किसानों की गेहूं खरीद नहीं हुई है। उन्होनें कहा कि सरकार सरसों व गेहूं खरीद प्रक्रिया में सुधार कर इसे व्यवस्थित व सुचारू बनाये।
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