सत्यखबर,हिसार
हिसार से एक मामला सामने आया है जहां ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर जीएनएम रवीना ने अपनी साढ़े चार साल की बेटी के साथ जहरीला टीका लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि सुसाइड नोट और वीडियो में ससुराल वालों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। रवीना ने दो पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है। इसके अलावा चार मिनट और सात मिनट के दो वीडियो भी छोड़े हैं। सुसाइड नोट में रवीना ने लिखा है कि सॉरी मां-पापा, आपकी बेटी हार गई, जीवन के लिए धन्यवाद लेकिन आपने मेरे लिए गलत परिवार चुना। मामला हरियाणा के हिसार जिले का है। यहां के रोहनात गांव निवासी रवीना धांसू गांव के स्वास्थ्य केंद्र में जीएनएम के पद पर तैनात थी। मृतका के चाचा जितेंद्र ने बताया कि रवीना ने दो पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है। जिसमें उसने अपनी सास-ससुर, पति, जेठ, जेठानी व ननद को उसकी व उसकी बेटी की मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उसने वीडियो में भी इन्हीं को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उसने बताया कि रवीना का पति अनीश पहले आईसीआईसीआई बैंक के लोन विभाग में नौकरी करता था।
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गौरतलब यह है कि रवीना की शादी के कुछ समय बाद ही नौकरी लगने पर अनीश ने नौकरी छोड़ दी थी। जितेंद्र ने बताया कि रवीना का जेठ भी हरियाणा पुलिस में है। मृतका के पास से दो पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने लिखा है कि मेरी मौत के लिए मेरे अपने लोग जिम्मेदार हैं। इन लोगों ने मिलकर मुझे इस कदर तंग किया है कि मैं मरने को मजबूर हो गई। भगवान ऐसा परिवार किसी को न दे। मेरी मौत के लिए मेरी सास, जेठ, जेठानी, दोनों ननद व मेरा पति जिम्मेदार हैं। मां आपको मेरे साथ बोलना पसंद नहीं है न। कोई नहीं मैं हमेशा के लिए चुप हो जाती हूं। पर हो सके तो मेरे माता-पिता को इसका कारण बता देना कि मेरी क्या गलती थी, जो आप हमेशा मुझसे नाराज रहते थे। मुझसे अब और सहन नहीं होता। मैं जा रही हूं। आप सबसे दूर अपनी बेटी के साथ। हो सके तो मेरे मरने के बाद एक बार प्यार से मेरे सिर पर हाथ रख देना ताकि मरने के बाद मुझे शांति मिल सके।
मेरे लिए ये आपकी तरफ से मेरी जिंदगी का बहुत बड़ा उपहार होगा। सॉरी मां, पापा अपकी बेटी हार गई और न चाहते हुए भी मौत को गले लगाना पड़ा। इस जीवन के लिए धन्यवाद लेकिन आपने मेरे लिए गलत परिवार चुना था। जिसकी कीमत मुझे जान देकर चुकानी पड़ रही है। वीडियो में रवीना ने बोला कि हैलो – मां सा आप सबसे लास्ट टाइम (अंतिम समय) अपने दिल की बात कहना चाहती हूं, मुझे नहीं पता कि मेरी गलती क्या थी। कि मैंने क्या गलत कर दिया। जो घरवाले मेरे साथ इस तरीके से पेश आ रहे हैं। लेकिन मुझे इतना पता है कि जो हालात हैं, इन हालातों में जीना नामुमकिन है। हर तरीके से टूट चुकी हूं। हर पल मर रही हूं। मैं क्या करूं, किसे कहूं।
अगर आप लोगों की रिस्पेक्ट में चुप रहना गुनाह है तो मैंने किया है। सहन करने की हद होती है। इंसान किस हद तक सहन करेगा और कब तक। अगर खुद के आत्मसम्मान के लिए जवाब देना गुनाह है तो वो भी मैंने किया है। अगर मैं इतनी बुरी थी तो न लेकर आते अपनी जिंदगी में। दिसंबर में मैं छोड़कर चली गई थी। आप लोगों की जिंदगी से तो क्यों आए थे मेरे घर, क्यों रिक्वेस्ट कर रहे थे कि हम सब कुछ ठीक कर देंगे। मैं, मेरी बच्ची के साथ जिंदा तो रहती, जिस हाल में भी रहती। गलती की मैंने आप लोगों के साथ आकर, मुझे नहीं पता था कि मेरी मौत के लिए इतना बड़ा षड्यंत्र रचा हुआ है, आप लोगों ने। गलती की मैंने मामा-मामी की बात मानकर कि हम सब कुछ ठीक कर देंगे। भूल गई थी मैं एक सेकेंड के लिए कि इस फैमिली में कुछ भी ठीक नहीं हो सकता, कभी भी, किसी भी हाल में।
वहीं सॉरी मम्मी-पापा आप लोगों ने बहुत हिम्मत दी, बहुत सपोर्ट किया। लेकिन अब बर्दाश्त नहीं होता। जो चाहिए, जो कुछ लेलो, लेकिन मुझे इंसाफ दे दो कि मेरी गलती क्या थी, जिस तरीके से टॉर्चर किया जा रहा था। कोई बोलता है कि मेरे भाई को तूने बर्बाद कर दिया। मां बोलती है कि तू बुरी है। कोई कुछ, कोई कुछ। जब बहनें अपने भाई का घर तुड़वाने पर तुली हों तो मैं कैसे बचा लूं। एक इंसान इस हद से आगे नहीं जा सकता। मैं भी नहीं जा सकती। हार गई मैं, जिंदगी और इन सब से। गुड बाय दोस्तों। दूसरी वीडियो में भी बोला कि मैं हार गई। तेरे लिए जो किया दिल से किया। तेरी नाराजगी …..। तेरी ये चुप्पी अब बर्दाश्त नहीं होती।
दोनों के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
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