सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
हर कोई अपने काम का मजदूर है। उनका पहनावा बदल जाता है, लेकिन काम सभी को करने पड़ते है। यह कथन फिजियोथेरेपिष्ट डा. राजेश गुप्ता ने अंतरर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर मजदूरों की परिभाषा व्यक्त करते हुए कहे। डा. राजेश ने कहा कि इस लॉक डाउन ने मजदूरों की दशा को तो दिशाहीन ही कर दिया है। कारोबार बंद हैं और उनके काम-धंधे छूट गए हैं। इन हालातों में हमारी सब की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि कोई भी भूखा ना सोए। गली-मोहल्ले के समर्थ लोग इक_े होकर आगे आएं और थोड़ा-थोड़ा योगदान करके जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने का काम करें। हालांकि सामाजिक संस्थाएं इस काम को अच्छे से अंजाम दे रही हैं, लेकिन अपनी गली-मौहल्ले की सही जानकारी तो वहां रहने वाले लोगों को ही होती हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिक दिवस की महत्ता तो इसी में है कि लॉक डाउन में मजदूरों की मदद करें। एक बात और सामाजिक दूरी बनाये रखें, मॉस्क जरूर लगाएं तथा हाथों को साबुन इत्यादि से धोते रहें। समय के सदुपयोग के लिए कसरत करते रहें।
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