सत्य खबर हरियाणा
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मार्च माह से स्कूल बंद हैं और इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि स्कूल कब से खुलेंगे। इसलिए स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अपनी पढ़ाई करवा रहे हैं। ऑनलाइन कक्षा बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही हैं, लेकिन सरकार व बच्चों के परिजन अभी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस विषय को लेकर पंजाब एवं हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर हरियाणा सरकार को ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने व कक्षा एक से पांच तक के बच्चों की ऑनलाइन कक्षा पर तुरंत रोक की मांग की गई है।
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हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित बेंच ने याचिका का निपटारा करते हुए याची को कहा कि वो इस बाबत सरकार को मांग पत्र सौंपे,सरकार याची के मांग पत्र पर उचित निर्णय ले। याचिका में कहा गया है कि हरियाणा सरकार ने अभी तक ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं। इस कारण स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं के नाम पर छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
हरियाणा में स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं का कोई तय समय नहीं है। याचिका में डॉक्टरों की रिपोर्ट का हवाला देकर बताया गया है कि कुछ स्टडीज के मुताबिक अगर बच्चे या किशोर छह या सात घंटे से ज्यादा स्क्रीन पर रहते हैं तो उन पर मनोवैज्ञानिक असर हो सकता है। इससे उनमें आत्मसंयम की कमी, जिज्ञासा में कमी,भावनात्मक स्थिरता न होना, ध्यान केंद्रित न कर पाना, आसानी से दोस्त नहीं बना पाना,जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा बच्चे आंखों को स्क्रीन पर गड़ाकर रखते हैं और पलकें झपकाना भूल जाते हैं। इसकी वजह से आंखों से पानी आने,पलके झपकाने का पैटर्न खराब होने और आंखों को मसलने जैसी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। आंखे न झपकाने की वजह से आंखों का पानी सूख सकता है। इससे आंख खराब होने का खतरा बना रहता है।
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