सत्य खबर, नई दिल्ली। ओलिंपिक में कुश्ती के पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में पहुंचने वाले रवि दहिया दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं. ऐसे में सेमीफाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को हराकर फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही भारत के लिए एक और पदक पक्का कर लिया है. वहीं मैच के आखिरी मिनट में उन्होंने पहलवान के पैरों पर हमला किया और इसके बाद उन्होंने अपनी मजबूत भुजाओं में जकड़ लिया. इसी समय विपक्षी पहलवान ने पकड़ से छूटने के लिए रवि को काटना शुरू कर दिया, लेकिन हरियाणवी छोरे ने भी जीत की ठान रखी थी.
रवि ने अपनी मजबूत ढीली नहीं की और चित करते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया. तस्वीरों में उनकी दाहिनी बांह में काटने के गहरे निशान का खुलासा हुआ. इस मोमेंट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. लोग सानायेव की आलोचना कर रहे हैं. बात भी सही है. हार सामने देख दांत से काटना कहां की खेल भावना है?
वहीं आज भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया इतिहास रचने उतरेंगे. रवि ने सेमीफाइनल में कजाक पहलवान के खिलाफ जिस तरह का खेल दिखाया, उससे लगता है. कि वो भारत के लिए कुश्ती में स्वर्ण जीतने वाला पहला पहलवान बनकर भारतीय खेल जगत में हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो जाना चाहेंगे. पुरुष फ्रीस्टाइल के 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में पीछे चल रहे होने के बावजूद कजाकिस्तान के नूरइस्लाम सनायेव को हराकर फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही रवि ने वैसे तो अपने और देश के लिए रजत पदक पक्का कर लिया है. लेकिन उनका इरादा यहीं रुकने का नहीं होगा।
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बता दें कि कुश्ती में लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार रजत पदक जीत चुके हैं. रवि इससे भी आगे जाना चाहेंगे लेकिन इसके लिए उन्हें फाइनल में रूस के जायूर उगयेव की चुनौती को समाप्त करनी होगी. वैसे रवि के लिए ये मुकाबला आसान नहीं होगा क्योंकि उगयेव दो बार के विश्व चैम्पियन हैं और जो ये मानते हैं कि सफलता 99 फीसदी मेहनत और एक फीसदी टैलेंट पर आश्रित होती है. जिस साल में उगयेव ने नूर सुल्तान में विश्व चैम्पियनशिप का सोना जीता था, उसी साल रवि ने इसी वर्ग में कांस्य जीता था।
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