सत्यखबर,हिमाचल प्रदेश,सतीश शर्मा
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी से जूझने के बाद गुरुवार तड़के निधन हो गया. कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह ने 87 साल की उम्र में अस्पताल शिमला में आखिरी सांस ली. सोमवार को हार्ट अटैक आने के बाद वीरभद्र सिंह को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. इससे पहले वीरभद्र सिंह को कोरोना संक्रमण की वजह से 13 अप्रैल को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोरोना से ठीक होने और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई और उन्हें आईजीएमसी में कुछ दिनों पहले ही भर्ती कराया गया था. वो बीते दो दिनों से वेंटिलेटर पर थे।
बता दें कि वीरभद्र सिंह नौ बार विधायक रहे. साथ ही वो पांच बार सांसद भी चुने गए. उन्होंने छह बार सीएम के रूप में राज्य की बागडोर भी संभाली. मौजूदा समय में वो सोलन जिले के अरकी से विधायक थे. वीरभद्र सिंह, मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 28 मई 2009 को इस्पात मंत्री बनाए गए थे. वो पहली बार 1983 में मुख्यमंत्री बने और 1990 तक लगातार 2 बार इस पद पर बने रहे.
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इसके बाद 1993 से 1998, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वीरभद्र सिंह का राजनीति सफर उपलब्धियों से भरा है. उनके नाम कई राजनीतिक रिकॉर्ड भी दर्ज हैं. वो सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री समेत कई पदों अहम पदों पर रह चुके हैं. बहरहाल उनकी मौत से सियासी गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है।
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