सत्यखबर, नई दिल्ली,सतीश शर्मा
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में हरियाणा से किसी भी नेता को नहीं लिए जाने से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने जहां पर शीघ्र चुनाव होने हैं वहां के नेताओं को केबिनेट में लेकर चुनाव जीतने का प्लान बनाया है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी टीम में अनुभवी मंत्री रखना चाहते हैं इसलिए हरियाणा पीछे रह गया।
यहां से जो दो नाम थे दोनों ही अनुभवी नहीं थे। वहीं कुछ नेताओं द्वारा सांसद बृजेंद्र सिंह व सुनीता दुग्गल के अरमान आसुंओं में बहने की बात भी कही जा रही है। कुछ भी हो पर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है बीजेपी की यह छोटी सी भूल आने वाले समय में हरियाणा में भारी पडऩे वाली है।
बता दें कि हरियाणा में बीजेपी का जनाधार दिन-प्रतिदिन घटता जा रहा है। सबसे बड़ा कारण है किसान आंदोलन। जिसके चलते बीजेपी नेता कोई उद्घाटन व सार्वजनिक कार्यक्रम करने तक के चोर हो गए हैं। हालांकि ऐसा सरकार में सहयोगी पार्टी जन नायक जनता पार्टी के नेताओं के साथ भी हो रहा है पर ज्यादा नुकसान बीजेपी को ही है। इस बार जेजेपी के साथ हरियाणा में सरकार बनाने वाली बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल में हरियाणा से किसी सांसद को न लेकर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। दरअसल मौजूदा समय में बीजेपी के पास ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे वह आने वाले पंचायती चुनावों में अपने सिंबल पर कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ा सके। किसान आंदोलन, कोरोना, बढ़ती बेरोजगारी, बढ़ता अपराध व बढ़ती महंगाई के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्रिमंडल में हरियाणा को उसका हिस्सा नहीं मिलना पार्टी के लिए किसी भी प्रकार से शुभ संकेत नहीं है। यहीं नहीं बल्कि पहले से मोदी टीम में शामिल हरियाणा के बड़े दलित नेता रतनलाल कटारिया को हटाकर तो मानों बीजेपी ने मुसीबत ही मोल ले है। कहने को तो बीजेपी स्वयं को दलित व गरीब हितैषी बताती है और कांग्रेस से कुमारी सैलजा के हटाने की बात पर कांग्रेस को दलित विरोधी बताती है।
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जबकि अब स्वयं एक ही दलित नेता हरियाणा से मोदी मंत्रिमंडल में शामिल था बीजेपी ने उसे भी निकाल दिया। राजनीति के जानकारों की माने तो नए चेहरों को बेसक बीजेपी शामिल ना करती पर पुराने वो भी एक दलित सांसद को नहीं हटाना चाहिए था। इसका खामियाजा बीजेपी को पंचायती चुनावों अगर सिंबल पर लड़ती है तो और विधानसभा चुनावों में भुगतना ही पड़ेगा।
दिल के अरमा आसूओं में बह गए
सिरसा से बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल और हिसार से बीजेपी सांसद एवं बीजेपी के पूर्व केन्द्रीय मंत्री बिजेन्द्र सिंह के बेटे बृजेद्र चौधरी केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होते-होते रह गए। दोनों ही सांसद के अरमा आसुओं में बह गए। खबरों के अनुसार सांसद सुनीता दुग्गल तो बुधवार दोहपर को ही दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर पहुंच चुकी थी पर उसके बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया। यही नहीं सांसद बृजेंद सिंह को भी अंत तक यही यकीन दिलाया गया था कि उनका नाम भी सूची में है। वहीं बुधवार दोपहर को अंबाला से सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हरियाणा की राजनीतिक गलियों में यह तय माना जा रहा था कि दलित कोटे से सांसद सुनीता दुग्गल को मंत्री बनाया जा रहा है पर ऐसा हो नहीं पाया।
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