2 Haryana constable of CID dropped the PM chair
सत्य खबर, ब्यूरो रिपोर्ट। देश की राजनीति में आया राम गया राम का जनक हरियाणा रहा है। राजनीति में उठापटक और कशमकश का सिलसिला अक्सर चलता रहता है। हरियाणा में एक दौर ऐसा भी आया जब चौधरी भजन लाल (Chaudhary Bhajan Lal story) ने चौधरी देवी लाल (haryana Choudhary Devi Lal story ) की पूरी सरकार गिरा दी थी और खुद सीएम की कुर्सी पर बैठ गए थे। ऐसे में एक और हैरान करने वाला किस्सा हरियाणा के साथ जुड़ा है। हरियाणा खुफिया विभाग के दो सिपाहियों ने प्रधानमंत्री की कुर्सी तक गिरवा दी थी।2 Haryana constable of CID dropped the PM chair
जी हां…ये किस्सा बड़ा अनूठा है जब विपक्षी दलों के नेता सरकार के सांसदों और विधायकों में सेंधबाजी कर सरकार अक्सर गिराते रहे हैं, लेकिन साल 1991 में हरियाणा के दो सिपाहियों के जासूसी कांड की वजह से तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर (Prime Minister Chandrashekhar) की कुर्सी गिर गई थी। इस किस्से के पीछे की कहानी को समझने के लिए हमें पहले साल 1989 के चुनाव के बारे में जानना होगा। साल 1989 में लोकसभा के चुनाव हुए तो किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। कांग्रेस 207 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी सरकार नहीं बन सकी। 143 सीटें जीतने वाली जनता दल को 85 सीट वाली भाजपा और 52 सीटों वाली वामपंथी पार्टियों ने समर्थन दिया। ऐसे में जनता दल की सरकार बन गई। विश्वनाथ प्रताप सिंह पीएम बन गए और हरियाणा के बड़े नेता ताऊ देवीलाल उपप्रधानमंत्री (Tau Devilal Deputy Prime Minister) बन गए। बाद में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई। इसके साथ ही जनता दल भी टूट गई।
इसके बाद नई सरकार के लिए खुद राजीव गांधी ने पहल की और उन्होंने चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनवाने में खासी भूमिका अदा की। एक दिन रात 11 बजे कांग्रेस नेता रमेश भंडारी (Congress leader Ramesh Bhandari) के घर पर कॉफी पीने की मुलाकात के दौरान चंद्रशेखर और राजीव गांधी के बीच एक समझौता हुआ। कांग्रेस ने चंद्रशेखर को समर्थन देते हुए प्रधानमंत्री बनवा दिया। 10 नवंबर 1991 को राजीव गांधी के कहने पर ही चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने थे। ताऊ देवीलाल उस वक्त चंद्रशेखर के सबसे खास थे। विशेष बात ये है कि चंद्रशेखर सरकार ठीक-ठाक चल रही थी। चंद्रशेखर की राजीव गांधी के साथ भी अब अच्छी बनने लगी थी।
Also check these links:
झज्जर के इस लाल ने विदेश में आयोजित बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में चमकाया हरियाणा का नाम
खाटू श्याम के द्वार चुलकाना धाम पहुंचे नवीन जयहिंद, जानिए क्या मांगा
हरियाणा: किसानों और टोल कर्मियों में हुआ बवाल, समझौता बैठक भी छोड़ी, जानिए पूरा मामला
जिगरी यार थे बंसीलाल और संजय गांधी, मारुति कार के सपने को बंसीलाल ने किया पूरा, कैसे पढ़े ये रिपोर्ट
चंद्रशेखर अपनी किताब जीवन जैसा जिया में लिखते हैं कि 1 दिन सुबह उन्हें जानकारी लगी कि हरियाणा सीआईडी के दो सिपाही राजीव गांधी के घर के बाहर जासूसी करते हुए मिले हैं। ये एक बड़ी खबर थी और चंद्रशेखर इस जासूसी कांड को लेकर काफी गंभीर थी। ऐसे में चंद्रशेखर ने इस घटना के बाद खुद पहल करते हुए जांच के आदेश दिए। उस समय चौधरी ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। चंद्रशेखर ने चौटाला को कार्रवाई करने के लिए कहा। चंद्रशेखर के इस कदम से कांग्रेस के सभी नेता संतुष्ट थे। शाम को एक पार्टी में राजीव गांधी से भी चंद्रशेखर की मुलाकात हुई इस घटना के कुछ दिन बाद 6 मार्च 1991 की सुबह चंद्रशेखर को पता चला कि कांग्रेस सरकार पर राजीव गांधी की जासूसी करने का आरोप लगाकर संसद का बहिष्कार करेंगे। चंद्रशेखर वहां पहुंचे तो हैरान रह गए…कांग्रेस के सभी सांसद सदन का बहिष्कार कर चुके थे।2 Haryana constable of CID dropped the PM chair
उस वक्त देवीलाल ने चंद्रशेखर से कहा मुझे राजीव बुला रहे हैं मैं चला जाऊं…चंद्रशेखर ने कहा…आप चले जाइए और अपनी प्राइम मिनिस्टरशिप की बात करके आइएगा। मेरे दिन अब इस पद पर पूरे हो गए हैं। ऐसे में इस जासूसी कांड के बाद लोकसभा में अपना भाषण खत्म करने के बाद चंद्रशेखर ने अपने इस्तीफे का एलान कर दिया। कांग्रेस सांसदों को भनक तक नहीं लगी कि जासूसी के आरोप पर चंद्रशेखर इस्तीफा दे देंगे। इस्तीफा देने के बाद घर पहुंचे तो रात में चंद्रशेखर के पास कांग्रेस की तरफ से इस्तीफा वापस लेने का प्रस्ताव आया। चंद्रशेखर ने जवाब दिया मैं राजीव गांधी नहीं हूं जो 1 दिन में तीन बार फैसला बदल दूं…ऐसे में 10 नवंबर 1990 को बनी सरकार 116 दिन में गिर गई और सरकार के गिरने के पीछे की वजह थी हरियाणा सीआईडी के दो सिपाहियों की ओर से राजीव गांधी की कथित तौर पर जासूसी करना…आपको जानकारी के लिए बता दें कि खुद ओम प्रकाश चौटाला उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री और चंद्रशेखर प्रधानमंत्री थे….लेकिन एक दूसरे से मिलना तक पसंद नहीं करते थे…
Scrap aluminium export Aluminium scrap trade regulations Non-ferrous metal recycling
Metal recovery industry Ferrous scrap reuse Scrap iron recycling center
Ferrous material energy efficiency, Iron waste reutilization center, Metal disposal services