सत्य खबर । चंडीगढ़
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक अजीब मामला दायर हुआ है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहनेवाली एक महिला ने हाई कोर्ट से अपने पति की अस्थियां दिलाने की मांग की है। महिला के पति की 20 अक्टूबर को पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसका चंडीगढ़ में ही दाह संस्कार कर दिया गया। उसका अंतिम संस्कार बड़े बेटे ने परिवार को बताए बिना कर दिया। परिवार के सदस्यों को पता चला तो वे अस्थियां लेने पहुंचे तो श्मशान प्रबंधन ने इससे इन्कार कर दिया। प्रबंधन का कहना है कि अस्थियां अंतिम संस्कार करने वाले को ही मिलेंगी।
दो माह की नवजात को लेकर क्यों दर-दर की ठोकरें खा रहा पिता, जानें क्या है पूरा मामला
90 वर्षीय महिला जसवंत कौर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उसके बड़े बेटे ने बिना परिवार के किसी सदस्य को सूचित किए सेक्टर-25 के श्मशान घाट में उसके पति का अंतिम संस्कार कर दिया। श्मशान घाट वाले अब उसके पति की अस्थियां उसे नहीं सौंप रहे हैं। लिहाजा अपने पति की अस्थियां उसे सौंपी जाएं। महिला का कहना है कि उसका पति उसके साथ ही रहता था। उसका बड़ा बेटा जर्मनी में रहता है, वह लाॅक डाउन खुलने के बाद घर आया था। 13 अक्टूबर को उसके पति के इलाज के लिए बड़ा बेटा उसे चंडीगढ़ पीजीआइ ले गया। जहां 20 अक्टूबर को उसके पति की मृत्यु हो गई थी, लेकिन बड़े बेटे ने बिना किसी को सूचित किए पिता का अंतिम संस्कार कर दिया है।
महिला ने याचिका में कहा है कि जब उसे और परिवार को इसकी जानकारी मिली तो वे श्मशान घाट पहुंचे, लेनि तब तक अंतिम संस्कार पूरा हो चुका था। जब उन्होंने श्मशान घाट के इंचार्ज से मृतक की अस्थियां मांगी तो उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि जिसने अंतिम संस्कार किया है, उसके बिना वह अन्य किसी को अस्थियां नहीं दे सकते हैं।
साेनाली-सुल्तान थप्पड़ केस में हाई कोर्ट ने मुख्य प्रशासक के फैसले काे ठहराया गलत, पढ़ें क्या कहा
महिला का कहना है कि इसके बाद परिवार ने पुलिस में भी शिकायत लेकिन कुछ कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा अब महिला ने अपने पति की अस्थियां की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने इस मामले में जब चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा तो प्रशासन ने कहा कि यह परिवार का आपसी विवाद है, जिसके लिए दोनों पक्षों को साथ बिठा विवाद का हल निकाले जाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन के इस जवाब पर हाई कोर्ट के जस्टिस फतेहदीप सिंह ने मामले की सुनवाई 14 जनवरी तक स्थगित कर दी।
Aluminium scrap melting processes Aluminium scrap verification Scrap metal prices
Scrap metal value recovery Ferrous material recycling solutions Iron scrap reclaiming facilities
Ferrous metal recovery center, Iron recycling and reusing, Metal waste reclaiming solutions