राष्‍ट्रीय

जहां फूलों की जगह हाथों में कृपाण होना चाहिए, बच्चे बच्चे के दिल में तूफान होना चाहिए – सुशील अटल

सत्यखबर, नरवाना, (सन्दीप श्योरान) :-

शहीदी दिवस की पूर्व संध्या पर महाराजा अग्रसेन चौक सेवा समिति के तत्वाधान में एक शाम शहीदों के नाम कवि सम्मेलन में शहर गूंज उठा। शहीदों को समर्पित अपनी मार्मिक रचनाओं से कवियों ने लोगों में भरपूर जोश भरा। सम्मेलन में मुख्यातिथि के रूप में तेजवंत गोयल ने शिरकत की तथा हंसराज समैन, रमेश गर्ग व दीनानाथ विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. रमेश ने दीप प्रज्वलित करके की गई। कार्यक्रम में संयोजक सुशील अटल व सह संयोजक तरसेम अग्रवाल सहित मानव सेवा समिति का पूरा सहयोग रहा। सबसे पहले राजेश टांक द्वारा भगतसिंह के अभिनय में उनका आखिरी पत्र पढ़ा गया। मंच संचालन डॉ. भूप सिंह व विकास यश कीर्ति ने बखूबी ढंग से निभाया। जाने-माने कवियों द्वारा सुनायी गई रचनाओं ने श्रोताओं के मन में दुश्मन के प्रति क्रांतिकारी विचारों का आगाज किया। फरीदाबाद से आए कवि मनोज मनमौजी ने अपनी रचना दफा पहले हमारे मुल्क से जयचंद हो जाएं, से देशवासियों को सचेत किया। वीर रस के कवि सुशील अटल ने, जहां फूलों की जगह हाथों में कृपाण होना चाहिए, बच्चे-बच्चे के दिल में तूफान होना चाहिए, अपनी रचना से श्रोताओं में जोश भरा। वहीं शैलेंद्र शैल ने कहा कि हम दुश्मन से नहीं घबराते हमें गद्दारों से खतरा है। जीन्द से आए कवि नरेंद्र अत्री ने ध्वज तिरंगा तीन रंग का अपनी रचना सुनाई, तो ओम प्रकाश चौहान ने कहा-कुछ ऐसा करते चलो याद करे संसार। चंडीगढ़ से आए कवि व प्रशासक डॉ. हरीश रंगा ने मां की महिमा का कुछ इस तरह बखान कि जीत गया जो मां का मन वह जीत गया संसार। यमुनानगर से कवयित्री अनामिका वालिया ने अपनी कविता में हिंदुस्तान के प्रति प्रेम दिखाते हुए कहा, मेरी तो रूह में भी सिर्फ हिंदुस्तान रहता है। इस अवसर पर अनिल आर्य, तेजवंत गोयल, हंसराज समैण, भारत भूषण गर्ग, कैलाश सिंगला, गौतम गर्ग, सुभाष गोयल, सतपाल गर्ग, कृष्ण नागपाल, संजय कालड़ा, सुमित जैन, कलवन्त, सुमित शर्मा, नरेंद्र अग्रवाल आदि गणमान्य सहित काफी संख्या में महिलाएं भी विद्यमान रही।

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कारगिल शहीद के परिजन किये सम्मानित
समारोह में हिसार जिले के कारगिल शहीद पवित्र श्योरान के परिजनों को बेटे की गौरवमयी शहादत के लिए सम्मानित किया गया। शहीद के चाचा महासिंह श्योरान ने इस मौके पर एक दिन मर जाएंगे, सभी जिंदगी में किसने क्या पाया, देश की खातिर जो मर मिटे वही बहादुर शहीद कहलाया, रचना से शहीद बेटे का वृतांत सुनाया। कार्यक्रम के संयोजक सुशील अटल ने अपने पिता के नाम से कवि व मंच संचालक विकास यशकीर्ति को भी सम्मानित किया।

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