भक्ति वही सार्थक होती है जिसमें स्वार्थ नही होता-जया किशोरी
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
हुडा ग्राऊंड में नारायण सेवा संस्थान उदयपुर की शाखा नरवाना द्वारा आयोजित बाल व्यास जया किशोरी की तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन शहरवासियों ने नरसी का भात कथा सुनी। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंडाल में पहुंचे। इससे पूर्व कथा का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन, मगलाचरण के साथ हुआ। बाल व्यास जया किशोरी ने कहा कि नानी बाई रो मायरो की शुरूआत नरसी भगत के जीवन से हुई। नरसी श्रीकृष्ण के अटूट भक्त थे। भगवान शंकर की कृपा से उन्होंने ठाकुर के दर्शन किए। उसके बाद तो नरसी ने सांसारिक मोह त्याग दिया और संत बन गए। उन्होंने कहा कि कथा का एक मात्र सार है ठाकुर जी को पाना है। इसके लिये हमारी भक्ति में अटल विश्वास होना चाहिये। किशोरी ने भगवान को अपने वश में करने का मंत्र बताते हुए कहा कि प्रेम ही एकमात्र ऐसा जरिया है, जिससे प्रभु को बड़ें ही आसानी से पाया जा सकता है। भक्ति वही सार्थक होती है जिसमें स्वार्थ नही होता। उन्होने कहा कि वर्तमान में लोग प्रभु को केवल अपना कार्य पूरा कराने के लिए याद करते हैं। अपना कार्य पूरा होते ही प्रभु को भूल जाते हैं। कथा के साथ ही लोगों ने नृत्य नाटिका मंचन का आनन्द लिया। नरसीजी का अंजार नगर की ओर प्रस्थान आदि प्रसंगों की जीवंत व अनोखी झांकियां प्रदर्शित की। इस अवसर पर धर्मपाल गर्ग, रमेश मितल, जयभगवान, संजय मितल, अभय मितल, संजय भारद्वाज, नरेश वत्स ,रमेश, कर्मचंद मितल, अचल मितल आदि लोग मौजूद थे।