बेलरखा-नरवाना के लगभग 600 एकड़ मेें खड़े फाने जलकर राख
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
गांव बेलरखा से चली आग ने नरवाना पहुंचते-पहुंचते लगभग 600 एकड़ में खड़े फानों व लगभग 10-12 एकड़ मेें खड़ी गेहूं की फसल को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। जानकारी के अनुसार गांव बेलरखा के खेतों मेें लगी आग ने हवा के रूख के साथ नरवाना मोर पत्ती के किसानों के खेतों को भी अपने आगोश मेें ले लिया। खेतों में आग लगने की सूचना मिलते ही आसपास के राहगीरों व किसानों ने अपने स्तर पर आग को बुझाना शुरू कर दिया, लेकिन हवा के साथ-साथ आग अपना विकराल रूप लेती रही और आग कई किलोमीटर तक फैलती गई। लोगों ने पेड़ की टहनियों व पानी से आग पर काबू करना चाहा। लोगों ने ट्रैक्टरों के माध्यम से मिट्टी की खुदाई शुरू कर दी, ताकि आग आगे न बढऩे पाए। किसानों का कहना था कि आग बेलरखा के खेतों से बढ़ती-बढ़ती मोर पत्ती के खेतोंं तक आ पहुंची। उन्होंने कहा कि लोगों ने समय रहते लगभग डेढ़ घंटे में आग पर काबू पा लिया, वरना खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है। उन्होंने बताया कि आग से बेलरखा निवासी सतपाल के 40, कुलदीप के 13, मान सिंह के 16, देला के 9, हवा सिंह के 8, छज्जू के 8, बलबीर के 13, राकमरण के 12, इंद्र के 11्र रामकला े 5, रामसिंह के 6, नेकी के 15, गुलजारी के 15, सुभाष के 10, बीरा के 7, धारी के 13, जगबीर के 5 एकड़ के फाने जलकर राख हो गए। वहीं नरवाना निवासी राजा शर्मा के 7.5 एकड़, महेंद्र-दयानंद के एक-एक, बीरू के 35 सहित अन्य किसानों के खेतों मेें आग लग गई।
दो पेट्रोल पंपों को हो सकता था नुकसान
जैसे-जैसे बेलरखा के खेतों से बढ़ती आग नरवाना की तरफ आई, तो लोगों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया, क्योंकि आग बेलरखा रोड़ पर स्थित पेट्रोल पंप के पास पहुंच गई थी, तो लोगों ने पानी के टैंकर से आग को अपने स्तर पर बुझाना शुरू किया और लगभग आधे घंटे तक आग पर काबू पाया जा सका।
फायर-ब्रिगेड की गाड़ी दे गई जवाब
दो दिनों से नरवाना के क्षेत्रों में आग लगने से फायर-ब्रिगेड की गाडिय़ों को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि दमकल कर्मी एक जगह आग पर काबू पाकर आते हैं, तो उन्हें दूसरी जगह पर आग लगने की सूचना प्राप्त होती है। बाद दोपहर गांव नेपेवाला के खेतों मेें लगी आग को बुझाने के लिए नगर परिषद की गाड़ी गई, तो उचाना की फायर-ब्रिगेड की गाड़ी को सूचना दे दी गई, लेकिन जब गाड़ी विश्वकर्मा चौंक पर पहुंची, तो गाड़ी में से धुआं उठना शुरू हो गया। जिसके बाद चालक ने गाड़ी को रोक दिया और देखा कि इंजन मेें से धुआं निकल रहा था। जिसके बाद गाड़ी को पानी से ठंडा किया गया और लगभग एक घंटे के बाद गाड़ी वापिस उचाना की ओर रवाना हो सकी।