सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
राजकीय पशु चिकित्सालय, गांव डुमरखां में पशु स्वास्थ्य शिविर व किसान गोष्ठी में पशुओं को गर्मी के मौसम में लू से बचने के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पशु चिकित्सक डॉ. एसके मलिक ने पशु पालकों को जानकारी देते हुए बताया कि गर्मी के मौसम में पशुओं को लू लगने से पशु के ऊपर भौतिक व मनोवैज्ञानिक दोनों तरह से प्रभाव पड़ता है। लू का असर सामान्यत: सभी प्रकार के पशुओं पर पड़ता है, लेकिन ज्यादातर असर बूढ़े-वृद्ध, छोटे व कमजोर पशुओं में देखने को मिलता है। लू लगने से पशु के शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे पशु हाफने लग जाता है व चारा कम खाने के साथ -साथ पानी पीना भी कम कर देता है और पशु के शरीर में आवश्यक खनिज तत्वों की कमी हो जाने के कारण पशु में निर्जलीकरण की अवस्था उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने बताया कि निर्जलीकरण होने पर पशुओं को भरपूर मात्रा में हरा-चारा खिलाएं और साफ-सुथरा ठंडा जल पीलाएं, पशुओं को छायादार व खुले स्थान पर रखें, छाया या पशुबाड़े में से अचानक धूप में ना खोलेें। लू लगने की अवस्था में पशुओं को मीठा सोडा, नमक व गुड़ का ताजा मिश्रण का घोल बनाकर सुबह-शाम पशु को पिलाते रहना चाहिए, ताकि पशु के शरीर में पुनर्जलिकरण हो सके व शीघ्र ही अपने निकटम पशु चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। इस अवसर पर कुलबीर, मनफूल, जगदीश, शमशेर, अनिल, राजबीर, चांदी व राजेन्द्र सिंह आदि ग्रामीण मौजूद थे।
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