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जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल पर जबलपुर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा – ‘अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे’

सत्य खबर, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया :

मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल पर जबलपुर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि “हड़ताल का यह तरीका कतई ठीक नहीं है। अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे। हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की काम पर लौटने की भी सलाह दी है।

दरअसल कोलकाता में लेडी डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के बाद प्रदेश में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल चल रही है जिसके चलते डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है. इसी मामले में हाई कोर्ट में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल को गैरकानूनी घोषित करते हुए इसे खत्म करने की मांग को लेकर जनहित याचिका लगाई गई थी . वहीं आज सुनवाई के दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कड़े लहजे में जूनियर डॉक्टर को समझाइश दी है और कहा कि उनकी सभी बातें सुनी जाएंगी लेकिन पहले वे काम पर लौटें.

जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा “कोई भी मरीज हड़ताल के खत्म होने का इंतजार नहीं करेगा. यदि हड़ताल की वजह से किसी की जान चली जाती है तो यह बहुत चिंता की बात होगी. वह जिस मुद्दे को लेकर हड़ताल पर गए हैं, वह समस्या केवल मध्य प्रदेश की नहीं है बल्कि पूरे देश की और पूरे समाज की है. पूरा समाज इस बात के लिए चिंतित है. लेकिन इसके लिए हड़ताल करना सही तरीका नहीं है.” कोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों के वकील को उनसे सलाह करने के लिए कहा है.

कोर्ट की टिप्पणी पर मध्यप्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने कहा कि हम चाहते हें कि देश में समान कानून बने। हाईकोर्ट को लेकर हम आश्चर्यचकित हैं। देश में आंदोलन चल रहा हो, जहां इतनी बड़ी घटना हो गई है। दूसरी ओर हाईकोर्ट कहे कि आंदोलन का अधिकार नहीं है।

हाईकोर्ट क्या चाहता है, हम पिट जाएं, मर जाएं। हमारे अधिकार नहीं हैं। मेरा कहना है कि हमें अपनी सुरक्षा और साथियों की सुरक्षा के लिए आंदोलन का अधिकार है। ऐसे में हाईकोर्ट हमारी बात को समझे।

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