पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पुर्व मंत्री राव नरबीर की फर्जी डिग्री मामले की बहस हुई पूर्ण, अदालत ने रखा फैसला रिजर्व
सत्य खबर, चण्डीगढ़, सतीश भारद्वाज :
हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री रहे राव नरबीर सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बीते मंगलवार से उच्च न्यायालय में फर्जी शैक्षिक डिग्री मामले की फाइनल बहस चल रही थी। जिसकी सुनवाई वीरवार को समाप्त हो गई। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला रिजर्व रखा है। जिसपर सभी राजनीति दलों की निगाहें टिकी हुई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में मंगलवार को हरेंद्र ढींगरा बनाम नरबीर सिंह केस मामले की फाइनल बहस जस्टिस महाबीर सिंह सिन्धु की अदालत में शुरू हुई।
जिसमें आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा के वकील ने अपना पक्ष रखा। जिसमें अदालत को बताया कि उनके क्लाइन्ट ने आरटीआई एक्ट 2005 के तहत पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह की शैक्षिक डिग्री के बारे में वर्ष 2005,2009 तथा 2014 में हुए चुनाव में भारत के चुनाव आयोग को सौंपी गए हलफनामे की प्रति लेकर उसमें दी गई गलत जानकारियों को उजागर किया था।
वहीं तीन दिनों तक उक्त मामले की बहस अदालत में चलती रही जो वीरवार को पूर्ण हुई। राव नरबीर के वकील ने भी अपना पक्ष रखा। वहीं अदालत ने अंतिम फैसला रिजर्व रख दिया है। जिसका फैसला कभी भी आ सकता है। जिसपर भाजपा पार्टी सहित अन्य पार्टी के नेताओं की नजर भी इस फैसले पर टिकी हुई है, वहीं बादशाहपुर विधानसभा सीट पर टिकट को लेकर भी भाजपा आलाकमान की इस पर अपनी निगाहें गड़ाए हुए हैं।
बता दें कि उपरोक्त गलत जानकारी को सार्वजनिक करने पर बौखलाहट में मंत्री ने एक्टिविस्ट पर मामला दबाने का दबाव बनवाया था। यह भी चर्चाएं उस समय चल रही थी कि आरटीआई एक्टिविस्ट को एक फर्जी केस में फंसा कर जेल भी भिजवाया गया था। वही यह भी चर्चाएं भी चल रही थी कि हलफनामे में गलत जानकारी देने पर ही पूर्व मंत्री की पिछले विधानसभा चुनाव मे टिकट भी भाजपा आलाकमान ने काट दी थी। तथा बादशाहपुर विधानसभा से मनीष यादव को मैदान में उतारा था। जो निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद से चुनाव में हार गए थे। अब कुछ ही दिनों बाद प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व मंत्री बादशाहपुर विधानसभा से चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं। जबकि बादशाहपुर विधानसभा से पूर्व ओएसडी जवाहर यादव भी अपनी ताल ठोकने में लगे हुए हैं। जिसपर भी भ्रष्टाचार के काफी आरोप लगे हैं।
जबकि यह मामला धोखाधड़ी सहित देश के संविधान के प्रति खिलवाड़ का भी बन रहा है। वही देश की जनता को गुमराह करने उनके मन को ठेस पहुंचा कर गलत तरीके से वोट हासिल कर सत्ता सुख भोगना जैसे कई संगीन मामले बन रहे हैं। यह मामला इसलिए भी काफी चर्चाओं में है कि पहले की तरह कहीं इसका फैसला आने पर नरबीर को एक बार फिर भाजपा से टिकट की आस लगाए बैठे कहीं हांथ ना धो बैठे। जबकि अदालत का जो भी फैसला आएगा उसमें आगे सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुला है।