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Supreme Court: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुई मौतों का मामला, सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई, बेसमेंट में भरा था पानी

Supreme Court: दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां भारी बारिश के चलते कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई सूची के अनुसार, इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच करेगी।

क्या है मामला?

27 जुलाई, 2024 को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में भारी बारिश के बाद पानी भर गया, जिसमें तीन छात्रों की मौत हो गई। मृतक छात्रों में दो लड़कियां और एक लड़का शामिल थे, जो सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। बारिश के चलते बेसमेंट में बने पुस्तकालय में पानी भर गया था, जिससे तीनों छात्र फंस गए और उनकी जान चली गई।

इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, खासकर छात्रों और उनके परिवारों को। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति को जांच करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को समिति से इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर अंतरिम रिपोर्ट मांगी थी, जिस पर आज सुनवाई होनी है।

कैसे हुई घटना?

घटना के दिन, भारी बारिश के चलते कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरना शुरू हो गया था। बेसमेंट में कोचिंग सेंटर का पुस्तकालय संचालित हो रहा था, जहां सैकड़ों छात्र रोजाना पढ़ाई करते थे। घटना के समय शाम करीब सात बजे, जब कुछ बड़ी गाड़ियां कोचिंग सेंटर के बाहर यू-टर्न ले रही थीं, तो सड़क पर जमा पानी का दबाव बेसमेंट की सीढ़ियों की कांच की दीवार पर पड़ा और वह दीवार टूट गई। दीवार टूटते ही पानी तेजी से बेसमेंट में भरने लगा।

Supreme Court: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुई मौतों का मामला, सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई, बेसमेंट में भरा था पानी

कुछ ही मिनटों में बेसमेंट पानी से भर गया, जिससे वहां मौजूद छात्र फौरन बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। उसी दौरान बिजली भी चली गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। भारी बारिश के कारण पानी का बहाव इतना तेज था कि कुछ ही समय में बेसमेंट पूरी तरह से जलमग्न हो गया। इस अफरातफरी में अधिकांश छात्र सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे, लेकिन तीन छात्र – श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन – बेसमेंट में फंसे रह गए और उनकी डूबने से मौत हो गई।

मृत छात्रों की पहचान

इस दुखद हादसे में जिन तीन छात्रों की मौत हुई, वे सभी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। मृतक छात्रों में उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के एर्नाकुलम के निविन डाल्विन शामिल थे। दिल्ली पुलिस ने तीनों शवों का पोस्टमॉर्टम राम मनोहर लोहिया अस्पताल में करवाया और बाद में शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया।

सुरक्षा मानकों की कमी

इस घटना के बाद दिल्ली के कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। ओल्ड राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर जैसे इलाकों में कई कोचिंग सेंटर ऐसे हैं, जहां छात्रों की संख्या अधिक होने के बावजूद आपदा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं है। विशेष रूप से बेसमेंट में चलने वाले संस्थानों में आपातकालीन निकास और जल निकासी की व्यवस्था का अभाव देखा गया है, जो इस तरह की दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।

राव आईएएस स्टडी सर्कल में भी जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं थी, जिसके चलते पानी का स्तर बढ़ने पर छात्रों के लिए वहां से बाहर निकल पाना मुश्किल हो गया। घटना के समय बिजली चली जाने से स्थिति और भयावह हो गई, जिससे छात्र बेसमेंट में फंसे रह गए।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति को जांच करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने समिति से कहा था कि वह यह जांच करे कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। समिति से अंतरिम रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में लापरवाही का मामला दर्ज किया है और कोचिंग सेंटर के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। घटना के बाद दिल्ली के सभी कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

परिवारों का दुख

इस हादसे से मृतक छात्रों के परिवारों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। श्रेया यादव, जो उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की रहने वाली थीं, ने अपने परिवार से वादा किया था कि वह सिविल सेवा परीक्षा पास कर एक अधिकारी बनेंगी। तान्या सोनी, जो तेलंगाना से आई थीं, भी एक महत्वाकांक्षी छात्रा थीं, जिनका सपना था कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करें। निविन डाल्विन, केरल के एर्नाकुलम से थे, और उन्होंने भी अपने परिवार को गौरवान्वित करने का सपना देखा था।

तीनों परिवार इस दुखद घटना के बाद न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इस घटना की गहन जांच हो और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि किसी और छात्र को इस तरह की त्रासदी का सामना न करना पड़े।

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