‘आज नहीं, सात दिन बाद देंगे जवाब’: महाराष्ट्र चुनाव से पहले Congress-BJP ने चुनाव आयोग से क्यों कहा ऐसा?
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के नेताओं पर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगाए। शनिवार को चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों के अध्यक्षों से उनके नेताओं पर लगे आरोपों पर टिप्पणी करने को कहा।
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टी अध्यक्षों को लिखा पत्र
चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अलग-अलग पत्र लिखकर उनकी शिकायतों पर प्रतिक्रिया मांगी। आयोग ने दोनों पक्षों से एक-दूसरे की शिकायतों पर औपचारिक जवाब देने को कहा।
सात दिनों का समय मांगा दोनों पार्टियों ने
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टी अध्यक्षों से सोमवार (18 नवंबर) को दोपहर 1 बजे तक औपचारिक जवाब मांगा था। हालांकि, अब दोनों पार्टियों ने चुनाव आयोग से अपने-अपने जवाब देने के लिए सात दिन का अतिरिक्त समय मांगा है।
कांग्रेस-भाजपा के आरोप
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
चुनाव आयोग की सख्त हिदायत
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों को लोकसभा चुनावों के दौरान दिए गए अपने निर्देश की याद दिलाई, जिसमें स्टार प्रचारकों और नेताओं को सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखने और चुनाव आचार संहिता का पूरी तरह पालन करने की सलाह दी गई थी।
लोकसभा चुनावों के दौरान जारी की गई थी सलाह
चुनाव आयोग ने 22 मई 2024 को लोकसभा चुनावों के दौरान दिए गए परामर्श का हवाला दिया। इस परामर्श में कहा गया था कि चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारकों और नेताओं को संयम बरतना चाहिए ताकि सार्वजनिक शिष्टाचार का उल्लंघन न हो और आचार संहिता का पालन किया जा सके।
चुनाव आयोग को शिकायतें और जवाब की प्रक्रिया
मौजूदा चुनावी दौर में दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अलग-अलग पत्र लिखकर उनके नेताओं के खिलाफ शिकायतों पर जवाब देने को कहा।
चुनाव प्रचार और सख्ती की आवश्यकता
महाराष्ट्र और झारखंड में जारी विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में सार्वजनिक शिष्टाचार और चुनावी आचार संहिता के पालन के लिए चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है।
झारखंड और महाराष्ट्र चुनावों की स्थिति
झारखंड में एक चरण का चुनाव पहले ही संपन्न हो चुका है। झारखंड की बची हुई सीटों और महाराष्ट्र की सभी सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है।
अब दोनों पार्टियों के जवाब का इंतजार है। चुनाव आयोग को उम्मीद है कि राजनीतिक दल चुनावी आचार संहिता का पालन करते हुए अपनी शिकायतों का समाधान करेंगे और सार्वजनिक शिष्टाचार का ध्यान रखेंगे। चुनाव आयोग की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि वह चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और शुद्ध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों के बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप से राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों से संतुलित और सटीक जवाब की उम्मीद जताई है। इससे साफ है कि आयोग चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।