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दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने Arvind Kejriwal को लिखा पत्र, चुनाव नहीं लड़ने की वजह बताई

Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। इसी बीच आम आदमी पार्टी (AAP) से एक बड़ी खबर सामने आई है। शाहदरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस बार चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में उन्होंने पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है।

चुनाव न लड़ने का कारण

रामनिवास गोयल ने अपने पत्र में लिखा, “मैं विनम्रता से आपको सूचित करना चाहता हूं कि पिछले 10 वर्षों से मैंने शाहदरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक और विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। आपने हमेशा मुझे बहुत सम्मान दिया है, जिसके लिए मैं हमेशा आपका आभारी रहूंगा। पार्टी और सभी विधायकों ने भी मुझे काफी सम्मान दिया है, इसके लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं।”

उन्होंने लिखा, “मेरी उम्र को देखते हुए, मैं चुनावी राजनीति से खुद को अलग करना चाहता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मैं आम आदमी पार्टी में रहते हुए अपनी पूरी श्रद्धा, मन और धन से सेवा करता रहूंगा। जो भी जिम्मेदारी आप मुझे सौंपेंगे, उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगा।”

शाहदरा सीट का इतिहास

अगर हम शाहदरा विधानसभा सीट की बात करें, तो रामनिवास गोयल ने दो बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में, रामनिवास गोयल ने भाजपा उम्मीदवार संजय गोयल को 5294 वोटों से हराया था। इससे पहले 2015 के चुनाव में गोयल ने भाजपा को 58,523 वोटों से हराया था। 2013 के चुनाव में भाजपा के जितेंद्र सिंह शांति ने शाहदरा सीट पर जीत हासिल की थी।

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने Arvind Kejriwal को लिखा पत्र, चुनाव नहीं लड़ने की वजह बताई

1993 में रामनिवास गोयल ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था। इसके बाद से भाजपा इस सीट पर 15 साल तक जीत नहीं सकी। कांग्रेस के डॉ. नरेंद्र नाथ ने 1998, 2003 और 2008 में यहां जीत हासिल की थी। इस प्रकार, शाहदरा सीट पर रामनिवास गोयल का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प और महत्वपूर्ण रहा है।

रामनिवास गोयल के चुनावी फैसले का महत्व

रामनिवास गोयल का यह फैसला दिल्ली के राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। 10 वर्षों तक विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा देने के बाद, उनका इस बार चुनाव न लड़ने का निर्णय राजनीतिक पर्यवेक्षकों के लिए चौंकाने वाला है। उनकी सेवा और नेतृत्व की छवि आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ी संपत्ति रही है, और उनका यह कदम पार्टी की आगामी चुनावी रणनीतियों पर असर डाल सकता है।

आम आदमी पार्टी की आगामी रणनीतियां

रामनिवास गोयल के चुनावी मैदान से बाहर होने के बाद आम आदमी पार्टी को शाहदरा सीट पर नया उम्मीदवार चुनना होगा। पार्टी के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि गोयल की लोकप्रियता और उनकी राजनीतिक समझ पार्टी के लिए एक बड़ी ताकत रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी शाहदरा सीट पर अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए किसे उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारती है।

रामनिवास गोयल का चुनावी राजनीति से अलग होने का निर्णय एक ऐतिहासिक और व्यक्तिगत फैसले के रूप में सामने आया है। उन्होंने 10 वर्षों तक शाहदरा क्षेत्र की सेवा की है और अपनी भूमिका में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। अब उनकी जगह कौन लेगा, यह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में देखने लायक होगा। उनके इस फैसले से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है।

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