Punjab news: पंजाब में सुखबीर बादल पर हमले के पीछे कांग्रेस और पुलिस की मिलीभगत? मजीठिया का आरोप
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Punjab news: पंजाब के सीनियर अकाली नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया ने कहा है कि सुखबीर बादल पर हुए हमले के पीछे कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की साजिश और मुख्यमंत्री भगवंत मान की असफलता है। मजीठिया ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सुखजिंदर रंधावा और अन्य कांग्रेसी नेताओं ने 1984 के बाद 2024 में श्री हरिमंदिर साहिब पर हमला किया था, जो एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था।
हमले के दौरान क्या हुआ था?
मजीठिया ने कहा कि यह हमला एक नहीं, बल्कि दो हमलावरों द्वारा किया गया था। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि दूसरे हमलावर को एसजीपीसी टास्क फोर्स ने पकड़ लिया था, और अब पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में लिया हुआ है, जिसे पुलिस छिपाने की कोशिश कर रही है। मजीठिया ने इस हमले को रंधावा और उनकी साजिश का परिणाम बताते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ अकाली दल के नेता सुखबीर बादल को निशाना बनाने के लिए किया गया था।
रंधावा का आतंकवादियों से संबंध
मजीठिया ने रंधावा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह जेल मंत्री थे, तब उन्होंने आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा को जेल से रिहा कराया और उसके भाई नरिंदर सिंह चौड़ा को कांग्रेस ब्लॉक कमिटी का इंचार्ज बनाया। मजीठिया ने यह भी कहा कि रंधावा और आतंकियों के बीच गहरे संबंध हैं, जो अब सभी के सामने आ चुके हैं। मजीठिया ने इस हमले के लिए रंधावा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की जांच का आदेश देना चाहिए।
पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
मजीठिया ने इस हमले में पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि रंधावा और उनके समर्थकों के लिए पुलिस की तरफ से संरक्षण मिलना कोई नई बात नहीं है। मजीठिया ने इस मामले में पुलिस अधिकारियों और सीआईएसएफ जवानों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को सुरक्षा व्यवस्था में इस चूक के लिए तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
एएसआई जसबीर सिंह की बहादुरी
मजीठिया ने हमले के समय सुखबीर बादल की सुरक्षा में तैनात एएसआई जसबीर सिंह की बहादुरी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यदि जसबीर सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बिना बहादुरी नहीं दिखाई होती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। जसबीर सिंह पिछले 24 सालों से बादल परिवार की सुरक्षा में तैनात हैं और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाया है। मजीठिया ने कहा कि अगर जसबीर सिंह वहां नहीं होते, तो हमले का परिणाम बेहद गंभीर हो सकता था।
रैंडावा और पुलिस की विफलता
मजीठिया ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर हमला करते हुए कहा कि वह 175 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती का दावा करते हैं, लेकिन फिर भी हमलावर पुलिस की नाक के नीचे घटनास्थल तक पहुंचने में सफल हो गए। मजीठिया ने कहा कि पुलिस की कार्यवाही में किसी प्रकार की सतर्कता नहीं दिखाई दी, और यह पूरी घटना सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर चूक को उजागर करती है। उन्होंने सरकारी दावों को खारिज करते हुए कहा, “ततू की मुस्तैदी”, यानी यह सुरक्षा का कोई भी ठोस इंतजाम नहीं था।
हमलावर की जांच
मजीठिया ने बताया कि हमलावर, नारायण सिंह चौड़ा, पिछले दो दिनों से सुखबीर बादल की रेकी कर रहा था। पुलिस को चौड़ा के बारे में पहले से जानकारी थी और CCTV फुटेज भी पुलिस के पास है, जिसमें चौड़ा को श्री हरिमंदिर साहिब और आसपास के इलाकों में देखा गया था। मजीठिया ने दावा किया कि पुलिस इस मामले की जांच में गहरे से जुड़ी हुई है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या हमलावर के साथ और भी कोई था।
इसके अलावा, मजीठिया ने कहा कि आरोपी के पास से जब 9 एमएम गॉलेक पिस्टल मिली, तो पुलिस को यह नहीं पता चला कि यह पिस्टल किससे प्राप्त हुई और इसकी कोई लाइसेंस नहीं है। मजीठिया ने कहा कि पुलिस को यह पता करना चाहिए कि यह पिस्टल कहां से आई और आरोपी के पास कैसे पहुंची।
पुलिस को लेकर मजीठिया की चिंता
मजीठिया ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने हमलावर चौड़ा को पकड़ने के बाद उसे गिरफ्तार करने से पहले भी उसे हंसते हुए देखा। मजीठिया ने कहा कि चौड़ा आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त है और उसे मजाक के रूप में पुलिस द्वारा पकड़ा गया था। पुलिस ने उसके मुंह को दबा दिया और उसे एसजीपीसी कार्यालय ले गई, जहां से बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मजीठिया ने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि पुलिस की कार्रवाई में कोई गंभीरता नहीं थी।
मजीठिया के आरोपों ने पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने रंधावा और पुलिस अधिकारियों की भूमिका को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है। मजीठिया ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय से जांच की मांग की है और राज्य सरकार से भी इस हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की अपील की है।
इस घटना के बाद, पंजाब की राजनीति में और भी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है, क्योंकि सभी पक्ष इस हमले की जिम्मेदारी तय करने में जुटे हैं। जबकि मजीठिया और अकाली दल ने रंधावा पर आरोप लगाया है, वहीं कांग्रेस और पुलिस प्रशासन की ओर से इसे लेकर क्या प्रतिक्रिया आती है, यह देखने वाली बात होगी।