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Delhi Politics: BJP को बड़ा झटका, रमेश पहलवान अपनी काउंसलर पत्नी के साथ AAP में शामिल

Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) का परिवार लगातार बढ़ता जा रहा है, और इस बढ़ोतरी के बीच बीजेपी के नेता एक के बाद एक AAP में शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमेश पहलवान आज (15 दिसंबर) को अपनी पत्नी कुसुमलता के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। रमेश पहलवान की पत्नी कुसुमलता वर्तमान में दिल्ली नगर निगम की काउंसलर हैं। उनके इस कदम ने बीजेपी को एक और बड़ा झटका दिया है।

रमेश पहलवान और उनकी पत्नी का AAP में वापसी

रमेश पहलवान का यह कदम दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बढ़ती ताकत को और भी मजबूत करता है। रमेश पहलवान ने इस अवसर पर कहा कि वह AAP में घर वापस लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल की नीतियों और आदर्शों से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हो रहे हैं। रमेश पहलवान ने 2013 में पहली बार AAP जॉइन किया था, लेकिन 2017 में कुछ कारणों से उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। अब सात साल बाद वह फिर से AAP में लौट आए हैं।

अरविंद केजरीवाल का बयान

अरविंद केजरीवाल ने रमेश पहलवान और उनकी पत्नी कुसुमलता का AAP में स्वागत करते हुए कहा, “मैं रमेश पहलवान और कुसुमलता जी का AAP में फिर से स्वागत करता हूं। रमेश पहलवान ने 2013 में AAP जॉइन किया था और 2017 में वह कुछ कारणों से पार्टी छोड़ गए थे। अब वह सात साल बाद वापस आ रहे हैं। अगर आप उनके इलाके के लोगों से पूछें, तो वे कहेंगे कि रमेश जी और कुसुमलता जी अपने लोगों के बीच 24 घंटे रहते हैं।”

बीजेपी और कांग्रेस के बड़े चेहरों का AAP में शामिल होना

AAP में सिर्फ बीजेपी ही नहीं, दिल्ली कांग्रेस के भी कई बड़े चेहरे शामिल हो चुके हैं। AAP ने अपनी पहली तीन सूचियों में इन चेहरों को स्थान दिया है। हालांकि, इस बीच कुछ AAP नेताओं ने भी पार्टी छोड़ दी है और बीजेपी या कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। हाल ही में, AAP के नगर निगम के काउंसलर राम नारायण भारद्वाज अपने बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके कुछ दिन पहले ही, AAP के नेता हर्षरण सिंह बल्लि ने भी बीजेपी जॉइन की थी।

Delhi Politics: BJP को बड़ा झटका, रमेश पहलवान अपनी काउंसलर पत्नी के साथ AAP में शामिल

AAP की पहली सूची में बड़े बदलाव

AAP ने हाल ही में अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें 11 उम्मीदवारों के नाम थे। इस सूची में छह ऐसे चेहरे थे, जिन्होंने हाल ही में बीजेपी और कांग्रेस को छोड़कर AAP का दामन थामा था। इनमें अनिल झा, बीबी त्यागी, वीर सिंह धिंगान और सोमेश शौकीन जैसे नेता शामिल हैं। यह कदम AAP की रणनीति को दर्शाता है, जिसमें पार्टी ने उन नेताओं को टिकट दिया है, जो अन्य पार्टियों से आकर पार्टी में शामिल हुए हैं।

नवीन चेहरों को मौका देने की AAP की नीति

AAP ने अब तक अपनी 32 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इस सूची में दूसरी बार में पार्टी ने 20 उम्मीदवारों को मौका दिया। इसमें कुछ नेताओं के सीटों में बदलाव किया गया है और कुछ नए चेहरों को भी टिकट दिया गया है। एक ऐसा नया चेहरा Awadh Ojha था, जिसे पार्टी ने अपनी सूची में स्थान दिया। इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल ने उन नेताओं को भी टिकट दिया है, जो अन्य पार्टियों से आकर AAP में शामिल हुए थे। तीसरी सूची में केवल एक नाम सामने आया है, और वह नाम है Tarun Yadav का, जो हाल ही में अपनी काउंसलर पत्नी के साथ AAP में शामिल हुए हैं।

AAP की बढ़ती ताकत और बीजेपी के लिए चुनौती

AAP का दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। पार्टी ने लगातार अपनी ताकत बढ़ाई है और बीजेपी के नेताओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। रमेश पहलवान का AAP में शामिल होना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्होंने पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपनी पहचान बनाई थी। अब उनकी वापसी से यह साफ हो गया है कि AAP का प्रभाव दिल्ली में और भी बढ़ता जा रहा है।

AAP के लिए आगामी चुनावों की चुनौती

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AAP के सामने कई चुनौतियां होंगी, लेकिन पार्टी ने जो कदम उठाए हैं, उससे यह स्पष्ट है कि वह पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है। पार्टी ने अपने उम्मीदवारों में लगातार बदलाव किया है और कई नए चेहरों को मौका दिया है। इसके साथ ही, पार्टी ने उन नेताओं को भी शामिल किया है जो पहले बीजेपी और कांग्रेस में थे, ताकि चुनावी मैदान में उनकी स्थिति मजबूत हो।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में रमेश पहलवान और उनकी पत्नी कुसुमलता का AAP में शामिल होना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है। AAP ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए बीजेपी और कांग्रेस के कई बड़े चेहरों को अपनी पार्टी में जगह दी है। रमेश पहलवान का वापसी और नए चेहरों को मौका देना AAP की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में AAP के ये कदम बीजेपी और कांग्रेस को कैसे प्रभावित करते हैं।

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