सत्य खबर । नई दिल्ली
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए वैक्सीन का इंतजार हो रहा है। भारत में भी कई कोरोना वैक्सीन के कैंडिडेट हैं, जो ट्रायल में बेहतर परिणाम दिखा रहे हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि देश को शायद फाइजर कंपनी की कोरोना वैक्सीन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दोहराया कि भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में फाइजर के टीके की आवश्यकता नहीं हो सकती है, क्योंकि देश में अन्य वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है, जो अब तक सेफ्टी ट्रायल्स में आशाजनक परिणाम दिखा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि फाइजर-बायोएनटेक के वैक्सीन पर विचार करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि अमेरिकी नियामक प्राधिकरण ने भी अभी तक इसके वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि अगर फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी मिल भी जाती है तो इसके निर्माता दूसरे देशों को वैक्सीन की आपूर्ति करने से पहले अपनी स्थानीय आबादी को वैक्सीन मुहैया कराने का प्रयास करेंगे।
भारत में अभी तक कम से कम वैक्सीन के पांच कैंडिडेट हैं, जिनके कोविड-19 वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल जारी है। इनमें से तीन वैक्सीन तो सेफ्टी और प्रभाव साबित करने के लिए दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल में हैं। सीरम इंस्ट्टीट्यूट ऑफ इंडिया, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल कर रहा है।
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वहीं, भारत बायोटेक के कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हो गया है। कोवैक्सीन के दूसरे चरण का नतीजा कभी भी आ सकता है। बता दें कि दवा बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक कोविड-19 के लिये अपने वैक्सीन (टीके) को अगले साल दूसरी तिमाही में पेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारतीय नियामक प्राधिकरणों से अपेक्षित मंजूरी मिल जाने की स्थिति में कंपनी की यह योजना है।
इसके अलावा, कैडिला हेल्थ की वैक्सीन ZyCovD ने भी दूसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है और परिणाम का इंतजार हो रहा है। इस वैक्सीन के फॉलोअप का समय भी अब खत्म होने वाला है। इन तीनों के अलावा, रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए भारत के डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं ने रूसी वैक्सीन डेवलपर्स के साथ करार किया है और इस पर इस सप्ताह से काम शुरू हो जाएगा।
कोरोना वायरस का विकराल रुप धारण कर चुकी दिल्ली पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि राज्य सरकार के साथ लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह कोरोना को नियंत्रित करने में सहयोग करे और कुछ पढ़े-लिखे लोगों की लापरवाही के कारण पूरे दिल्लीवासियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप इतना भयावह है कि पिछले छह दिनों में यह 678 मरीजों की जान ले चुका है।
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हर्षवर्धन ने सोमवार को एक चैनल से बातचीत में कहा दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के खतरे पर राजधानी की हालत को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र ने दो बार दखल दिया था । राज्य सरकार को बकायदा सभी तरह की जानकारी दी गई। इसका नतीजा रहा है कि कोरोना का खतरा कम हुआ। अब दोबारा से हमने दखल दिया है और कोरोना जांच बढ़ाने पर जोर है।
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