सत्यखबर, जींद
जिला के गांव खटकड़ टोल प्लाजा पर पिछले 6 महीने से कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरना स्थल पर मंगलवार रात को धरने पर बैठे एक 55 वर्षीय किसान पालाराम ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि उक्त किसान तीन महीने से धरने से जुड़ा हुआ था। वह दिन में जहां धरने पर आने वाले लोगों को चाय की सेवा करने में लगा हुआ था। वहीं रात को वह खाना खाकर धरनास्थल पर ही सो जाता था।
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किसान द्वारा आत्महत्या की सूचना मिलने के बाद उचाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गांव खटकड़ निवासी पालाराम के नाम कृषि योग्य भूमि नहीं है। इसलिए वह व उसके दो बेटे गांव में ही ठेके पर जमीन लेकर खेती करते हैं। अब उसके बेटे खेती से संबंधित कार्य को संभाल रहे थे और वह पिछले तीन महीने से खटकड़ टोल पर चल रहे धरने पर ही रहकर सेवा कर था।
बुधवार सुबह जब धरना स्थल पर दूसरे किसान पहुंचे और तंबू में सो रहे पालाराम को आवाज लगाई। वहीं काफी आवाज लगाने के बाद भी जब जवाब नहीं आया तो किसानों ने तंबू में जाकर देखा तो पालाराम के पास जहरीले पदार्थ की डिब्बी पड़ी हुई थी, जबकि वह गद्दे पर मृत पड़ा था। जिसका पता चलते ही धरना स्थल का संचालन करे रहे किसान नेता मौके पर पहुंचे और इस बारे में पालाराम के परिजनों को सूचित किया।
वहीं मृतक पालाराम के साथ धरने पर रहने वाले किसानों ने बताया कि पालाराम अक्सर कहता था कि सरकार किसानों की मांगे नहीं मान रही है यह बहुत गलत है। वहीं किसान नेताओं की सूचना पर मौके पर पहुंच कर थाना उचाना पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचा दिया है तथा मामले की जांच शुरू कर दी है।
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