Absconding woman sarpanch absconded again
सत्य खबर , हिसार। हिसार जिले की ढाणी मिरदाद में फर्जी जाति प्रमाण पत्र से चुनाव लड़कर सरपंच बनने वाली दुर्गी देवी ने भारतीय संविधान और अपने पद के प्रति निष्ठावान रहने की शपथ शनिवार को ले ली। यह महिला सरपंच पुलिस की नजरों से फरार है, लेकिन शनिवार को महिला सरपंच घूंघट ओढ़े हुए ग्रामीणों के बीच शपथ ले रही थी। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वह अपने पद की गरिमा और कर्तव्यों का पालन करने की शपथ ले रही है।
सरपंच ने BC-A की रिजर्व सीट पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा था। जिसके बाद पुलिस ने महिला सरपंच, पति सोमबीर और सतीश के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है। बरवाला थाने में मामला दर्ज हुआ है। हिसार में तीसरे फेज में 22 नवंबर को पंचायती चुनाव हुए थे।
महिला सरपंच फरार, परंतु शपथ ले ली; थाना प्रभारी
उकलाना के BDPO अशोक मेहरा का कहना है कि शपथ लेने से किसी को रोका नहीं जा सकता। महिला सरपंच के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करनी है। हमें चुनाव आयोग से या सरकार से कोई आदेश नहीं आए। बरवाला थाना प्रभारी राजकुमार का कहना है कि महिला सरपंच पति सहित फरार है। हालांकि उसने शपथ ली है।
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4 जाति प्रमाण पत्र मिले
शिकायतकर्ता पुनीत इंदौरा का आरोप है कि शनिवार को महिला सरपंच ने सार्वजनिक समारोह में शपथ ली। जबकि पुलिस इसे बचाने के लिए गिरफ्तार नहीं कर रही। महिला सरपंच और उसके पति को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। इसलिए पुलिस कार्रवाई करने से बच रही है। महिला सरपंच के अलग-अलग जातियों के 4 प्रमाण पत्र सामने आ चुके हैं।
बीसीए जाति का बनाया था फर्जी सर्टिफिकेट
शिकायतकर्ता पुनीत इंदौरा ने 14 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि महिला दुर्गी देवी ने एससी जाति की होने के बावजूद बीसीए का सर्टिफिकेट बनवाकर गांव में सरपंच पद के लिए आवेदन किया। दुर्गी देवी गांव के युवक सोमबीर के साथ लव मैरिज करके करीब 4 साल पहले आई थी। सोमबीर की जाति धानक है जो कि एससी कैटेगरी में आती है।
दुर्गी देवी ने अपने पिता अशोक की फैमिली आईडी में भी अपनी जाति कैटेगरी SC दर्शाई हुई है। शादी के बाद दुर्गी देवी ने अपने ही गांव के सरपंच व पटवारी के साथ साजबाज होकर अपने नाम से एक ओबीसी कैटेगरी में नायक जाति का सर्टिफिकेट बनवा लिया था और अब आरोपियों ने दोबारा से अपना एक ओर नया ओबीसी का सर्टिफिकेट अपने गांव के सरपंच व पटवारी से साजबाज होकर बना लिया। जिसका ओबीसी सर्टिफिकेट नंबर OBC/2022/403 है।
बीसीए के लिए पद था आरक्षित
पुनीत इंदौरा ने बताया कि सरपंच पद के लिए हमारे गांव ढाणी मिरदाद में बीसी- ए कैटेगरी की रिजर्वेशन आई थी। दुर्गी देवी ने पति सोमबीर और सतीश उर्फ दीपू के साथ साजबाज होकर गांव में सरपंच पद के लिए आवेदन किया है। झूठे दस्तावेज लगाकर ओबीसी सर्टिफिकेट की फाइल बनवा ली और किसी सरल केंद्र पर जाकर उसको ऑनलाइन करवा लिया। जिसके बाद तहसील कार्यालय बरवाला से एक फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट बनवा लिया। इसी तरह से इन्होंने अपनी फैमिली आईडी में भी अपनी जाति बीसीए दिखाई हुई है। जो कि फर्जी तरीके से बनवाई हुई है।
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