सत्य खबर । नई दिल्ली
केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को बुलाए गए ‘भारत बंद’ के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है। यह बातचीत मंगलवार को शाम सात बजे होगी। मालूम हो कि दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए उस समय बुलाया है, जब देशभर में ‘भारत बंद’ जारी है। ‘भारत बंद’ का कई राज्यों में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। कहीं दुकानें बंद करवाई जा रही हैं, तो कहीं ट्रेन सेवाओं को बाधित किया गया है। गृह मंत्री से बैठक के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ”हमारी आज शाम 7 बजे गृह मंत्री के साथ बैठक है। हम अभी सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं और वहां से गृह मंत्री से बातचीत करने के लिए जाएंगे।”
कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी हैं। पिछली बैठक पांच दिसंबर को हुई थी, जिसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश शामिल हुए थे। पांचवें दौर की बैठक में भी किसानों ने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने सरकार से ‘यस और नो’ में जवाब मांगा था। हालांकि, सरकार कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार हो गई है, लेकिन किसान कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
पांच दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवें दौर की बैठक से पहले अमित शाह के साथ अहम बैठक की थी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए थे। सरकार के प्रमुख मंत्रियों और पीएम के बीच हुई यह बैठक तकरीबन दो घंटे तक चली थी।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछली बैठक के बाद कहा था कि किसानों को मोदी सरकार पर भरोसा रखना चाहिए। जो भी किया जाएगा, वह उनके हित में होगा। मैं अनुशासन बनाए रखने के लिए किसान यूनियनों को धन्यवाद देना चाहता हूं..चूंकि आज बातचीत पूरी नहीं हो सकी, इसलिए हमने 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।
इसके साथ ही तोमर ने किसानों से आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा कि मैं कि किसानों से आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध करना चाहता हूं ताकि वे ठंड के मौसम में असुविधान का सामना न करें और दिल्ली के नागरिक भी सुविधा के साथ रह सकें।
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