सत्य खबर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज ।
Awareness of cyber crimes गुरुग्राम पुलिस ने आए दिन हो रही साइबर क्राइम को देखते हुए । जहां आम नागरिकों को जागरूक कर रही है, वही क्रिमिनल को भी आए दिन दबोच रही है। पुलिस की साईबर अपराध पूर्व व आरएसओ की टीमों द्वारा सहायक पुलिस आयुक्त प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में साईबर हब, गुरुग्राम में लोगों को साईबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के उदेश्य से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गुरुग्राम थाना साईबर अपराध पूर्व की टीम ने साईबर हब में जाकर डिजिटल/स्क्रीन के माध्यम से लोगों को साईबर अपराधों के बारे में जानकारी देते हुए उनसे बचने के तरीके बताकर जागरूक किया तथा इस दौरान डीएवी पब्लिक स्कूल पुष्पांजलि एनक्लेव प्रीतमपुरा के 43 स्कूली बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों का ध्यान आकर्षित करके उन्हें साईबर अपराधों के प्रकार व उनके बचाव के बारे में बताकर जागरूक किया।
इस दौरान थाना साईबर अपराध पूर्व के कर्मचारियों ने नाटक के माध्यम से विभिन्न साईबर अपराध जैसे सेक्सटॉर्शन, बिजली बिल कम करने तथा वाइन डिलीवरी इत्यादि के माध्यम से होने वाले साईबर अपराधों के बारे में जागरूक विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करके लोगों को जागरूक किया। इस विशेष जागरूकता कार्यक्रम में लोगों को बैंक खाते की जानकारी तथा ओटीपी शेयर ना करने की सलाह देते हुए व्हाट्सएप पर आने वाली अनजान नंबर से वीडियो कॉलिंग को रिसीव ना करने के लिए बताया गया। खुद का परिचय रिश्तेदार/दोस्त के रूप में कराकर होने वाली ठगी के मामले को एलसीडी/डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से प्रदर्शित/प्रस्तुत किया गया तथा किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक की कोई भी निजी जानकारी जैसे एटीएम/क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक ओटीपी व सीवीवी शेयर ना करने के बारे जानकारी देकर जागरूक किया गया।
इस दौरान लोगोंको यह संदेश दिया गया कि मोबाईल पर आए किसी भी अनजान लिंक जैसे लोन ऑफर, कैशबैक ऑफर पर क्लिक न करें, क्योकि साईबर ठग लिंक के माध्यम से फोन हैक करते है/आपके मोबाईल का एक्सेस लेकर आपको आसानी से अपना शिकार बना लेते है। अगर आपके पास कोई भी बैंक अधिकारी बनकर या कस्टमर केयर बनकर फोन करता है, तो उसे किसी भी प्रकार की बैंक से संबंधित/निजी जानकारी ना दें और एनीडेस्क और क्विक सपोर्ट इत्यादि रिमोट/एक्सेस डिवाईस एप्लीकेशन को डाउनलोड ना करें।
सोशल साइट्स पर अपने नाम का फर्जी, जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम इत्यादि अकाउंट पता लगने पर तुरंत अपने दोस्तों व सगे संबंधियों को बताएं तथा इनकी शिकायत पुलिस/साईबर क्राईम टीम को अवश्य दें ताकि आपके नाम का इस्तेमाल करके कोई किसी के साथ साईबर ठगी ना कर सके। साईबर अपराध का शिकार होने के बाद आप संबंधित अथॉरिटी या संस्था से शिकायत करें और तुरंत 1930 पर भी कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
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सबसे महत्वपूर्ण बात गूगल पर किसी भी बैंक कस्टमर केयर नंबर, ऑनलाइन वाइन डिलीवरी नंबर, फोन पे कस्टमर केयर नंबर, गूगल पे , कस्टमर केयर नंबर सर्च करके उस नंबर पर फोन ना करें वह सभी साईबर फ्रॉड है, जिससे कि आप साईबर अपराध के शिकार हो सकते है। आपकी लॉटरी लगने की बात कहकर भी साईबर अपराधी आपके साथ फ्रॉड कर सकते है तो किसी भी तरह की लॉटरी के लालच में न आकर अपनी कीमती पूंजी साईबर अपराधी से बचाएं।
अपराध घटित होने पर तुरंत हेल्प लाईन नंबर 1930 एवं साईबर क्राइम पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कराने को लेकर जागरुक किया। कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए साईबर क्राइम से बचने के उपाय भी बताए है।
सहायक पुलिस आयुक्त प्रियांशु दीवान ने जिला वासियों से अपील की है कि उपरोक्त बताई गई जानकारी का प्रयोग करके आप साईबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं।Awareness of cyber crimes
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