Chyawanprash is eaten in every house in winter
सत्यखबर, नई दिल्ली
सर्दियों में हर घर में च्यवनप्राश खाया जाता है। यह इम्यूनिटी बूस्ट करता है और बीमारियों को दूर रखता है। आयुर्वेद में भी च्यवनप्राश का महत्व है। आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि क्या है च्यवनप्राश खाने का सही तरीका और कैसे पहचान सकते हैं कि हम जो च्यवनप्राश खा रहे हैं, वो असली है या नकली? क्या इसे खाने का कोई नुकसान भी है?
जानते है कि च्यवनप्राश होता क्या है। 40 से 50 तरह की चीजों को मिलाकर बनाई गई एक ऑयुर्वेदिक औषधी को च्यवनप्राश कहा जाता है। इसमें आंवले का इस्तेमाल मुख्य तौर से किया जाता है। आंवले में भरपूर मात्रा में विटामिन- C होता है। सभी सामान को पकाने के बाद उसमें चीनी या शहद मिलाकर एक पेस्ट जैसा तैयार किया जाता है। जिसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक आसानी से खा सकते हैं।
जितना फायदा च्यवनप्राश खाने से होता है लगभग उतना ही नुकसान नकली च्यवनप्राश खाने से हो सकता है। इसलिए असली-नकली में फर्क समझना जरूरी है। नकली च्यवनप्राश को आसानी से घर पर ही पहचाना जा सकता है। इसके लिए नीचे लगे ग्राफिक को पढ़ें और दूसरों को शेयर भी करें।Chyawanprash is eaten in every house in winter
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जानते है च्यवनप्राश खाने के क्या फायदे हैं?
च्यवनप्राश को आंवले से बनाया जाता है। आंवले में मौजूद विटामिन- C रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
शरीर में न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है।
इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं। इससे चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइन्स भी कम होती है।
इसे खाने से ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। दिल की मसल्स को भी मजबूती मिलती है।
मेंटल एबिलिटी को बढ़ाने में च्यवनप्राश फायदेमंद हैं। यह अनिद्रा और अल्जाइमर जैसी बीमारियों में खाया जाना चाहिए।
दिमाग को तेज करता है और याद्दाश्त मजबूत करता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत होता है। पेट के कैंसर के खतरे को कम करता है।
लंग्स से रिलेटेड बीमारियों के लिए काफी फायदेमंद है। खांसी-जुकाम जैसी बीमारियां दूर रहती हैं।
यह वात्त, पित्त और वायु तीनों दोषों में बैलेंस बनाकर शरीर को हेल्दी रखने का काम करता है।
सेल्स और टिश्यूस की मरम्मत होती है। पुराने रोगों में फायदा होता है।
दांत और हड्डियां मजबूत होते हैं। शरीर में हेमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।
महिलाओं के पीरियड्स रेगुलर होते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए भी च्यवनप्राश फायदेमंद है।
ये जानना भी बेहद जरूरी है क्या च्यवनप्राश में डाली गई चीनी नुकसान पहुंचाती हैं?
च्यवनप्राश में ढेर सारी जड़ी-बूटियां डाली जाती हैं। इसके स्वाद को बैलेंस करने के लिए चीनी या शहद डालना ही पड़ता है। यही जड़ी-बूटी चीनी के नकारात्मक प्रभाव को कम कर देता है। हां, इतना याद रखें कि च्यवनप्राश अच्छी क्वालिटी और ब्रांड का ही खाएं। इसे खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। यह सर्दी, जुकाम और कई तरह की एलर्जी से हमारा बचाव करता है।
क्या बच्चों को च्यवनप्राश देना चाहिए या नहीं?
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट ऋजुता दिवेकर बताती हैं कि बदलते मौसम की बीमारियों से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें हर दिन च्यवनप्राश खिलाना चाहिए। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
बच्चों को च्यवनप्राश खिलाने का सही तरीका?
सोने से पहले दूध के साथ एक चम्मच च्यवनप्राश खिलाएं, इससे डाइजेशन अच्छा रहता है।
बच्चों को किस मात्रा में च्यवनप्राश खाना चाहिए?
च्यवनप्राश को सही मात्रा में खाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। इसे याद रखें…
0-1 वर्ष के बच्चों को च्यवनप्राश खिलाने की जरूरत नहीं होती। स्तनपान कराने वाली मां को च्यवनप्राश खाना चाहिए।
1-5 साल के बच्चों को आधा चम्मच च्यवनप्राश खिलाना चाहिए।
6-12 साल के बच्चों को एक चम्मच च्यवनप्राश खिला सकते हैं।
12 से ज्यादा उम्र के लोग 2 चम्मच च्यवनप्राश खा सकते हैं।Chyawanprash is eaten in every house in winter
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