सत्य खबर, चंडीगढ़ । Dress code implemented in Haryana hospitals
अस्पतालों में डॉक्टर व स्टाफ के लिए ड्रेस कोड तैयार लागू किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के नए ड्रेस कोड में जींस, प्लाजो, बैकलेस टॉप, स्कर्ट जैसे फैशनवाले कपड़े बैन कर दिए गए हैं।
वहीं, पुरुषों के बाल कॉलर से लंबे नहीं होंगे। महिलाएं स्टाइलिश ड्रेस, भारी गहने और मेकअप यूज नहीं करेंगी। नाखून भी लंबे नहीं होंगे। ड्रेस कोड न मानने वाले स्टाफ को ड्यूटी से गैरहाजिर मानकर कार्रवाई की जाएगी।
नए ड्रेस कोड में यह पहनने पर रोक
किसी भी रंग की जींस, डेनिम स्कर्ट, डेनिम ड्रेस, स्वेट शर्ट, स्वेट शूट, शॉर्ट्स, स्लैक्स ड्रेस, स्कर्ट, प्लाजो, स्ट्रेच टी-शर्ट व पेंट, फिटिंग पेंट, कैपर, हिप हगर, स्वेटपेंट, स्ट्रैपलेस या बैकलेस टॉप,क्रॉप टॉप, कमर लाइन से छोटा टॉप, डीप नेक टॉप, ऑफ शोल्जर ब्लाउज व स्नीकर-स्लीपर नहीं पहने जाएंगे।
ड्रेस कोड में यह निर्देश
सिक्योरिटी, परिवहन, सफाई और रसोई वाले कर्मचारी अपनी वर्दी में होने जरूरी है।
अस्पताल स्टाफ के लिए नेम प्लेट अनिवार्य है। जिसमें कर्मचारी का नाम व पद होना अनिवार्य है। नर्सिंग कैडर को छोड़कर सफेद शर्ट व काली पेंट पहली जा सकती है।
कपड़े ज्यादा खुले या तंग नहीं होने चाहिए। असामान्य हेयर स्टाइल या हेयर कटिंग भी नहीं चलेगी।
ड्रेस कोड के लिए कलर तय करने का अधिकार सिविल सर्जनों को दिया गया है।
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ड्रेस कोड बनाने की 2 बड़ी वजहें
महिला स्टाफ ड्रेस के बजाय प्लाजो, कढ़ाई वाला सूट, पजामी टॉप, शॉर्ट कुर्ती व तंग कपड़े पहनकर आ रहीं थी।
पुरुष स्टाफ जींस, टी-शर्ट, स्पोर्ट्स या लोफर शूज, स्नीकर्स पहनकर आ रहे थे।
ड्रेस कस कलर सिविल सर्जन तय करेंगे
स्वास्थ्य निदेशक ने सभी अस्पतालों को यह आदेश भेज दिए हैं। जो डॉक्टरों व स्टाफ के अलावा सभी अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी हर वक्त की ड्यूटी के दौरान लागू होंगे। अधिकारियों का तर्क है कि इससे कर्मचारियों की पद के अनुसार पहचान हो सकेगी। अनुशासन व समानता बने रहने के साथ मरीजों की सेवा बेहतर ढंग से होगी। Dress code implemented in Haryana hospitals
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