50000 salary can also save income tax
सत्यखबर, नई दिल्ली
अपनी कमाई पर सभी को टैक्स (Income Tax) भरना होता है, ये हर एक नागरिक का फर्ज है. नागरिकों के दिए टैक्स के पैसे से सरकार स्कूल, सड़क और तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराती है. साथ ही सरकार नागरिकों को कानूनी रूप से टैक्स बचाने के भी अधिकार देती है. कानूनी रूप से टैक्स बचाने (Tax Saving) के तमाम तरीकों को अपनाकर 50 हजार रुपये की मंथली सैलरी को भी टैक्सफ्री (Tax Free) किया जा सकता है. सरकार ने इनकम टैक्स के लिए दो ऑप्शन दिए हैं.
भारत के मौजूदा टैक्स सिस्टम में दो तरह के ऑप्शन उपलब्ध हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) का ऐलान किया था. इस तरह टैक्स के दो ऑप्शन मौजूद हैं और टैक्सपेयर्स इनमें से किसी एक चुन सकते हैं. पुराने टैक्स स्ट्रक्चर (Old Tax Regime) में कई तरह के डिडक्शन (Tax Deductions) के ऑप्शन हैं. वहीं, नए स्ट्रक्चर में इनमें से अधिकतर को हटा लिया गया है.50000 salary can also save income tax
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एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आपकी मंथली सैलरी 50 हजार रुपये है. इसके अलावा कमाई के कोई और सोर्स आपके पास नहीं हैं, तो आपकी सालाना आमदनी कुल 6 लाख रुपये हो जाती है. इस स्थिति में अगर आप पुराने टैक्स स्ट्रक्चर को चुनते हैं, तो इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी (IT Act 80C) के तहत 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन का लाभ मिल जाता है. इसके अलावा सैलरी क्लास को 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिल जाता है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए टैक्स स्ट्रक्चर को चुनने से नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस टैक्स स्ट्रक्चर में 2.50 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स फ्री है. इसके बाद के 2.5 लाख रुपये पर 5 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगता है, जो 12,500 रुपये बनता है. वहीं, 6 लाख रुपये की सालाना सैलरी पर 23,400 रुपये की टैक्स देनदारी बनती है.
अगर आमदनी पांच लाख रुपये से एक लाख रुपये अधिक है, तो एक लाख की रकम 10 फीसदी के ब्रैकेट में आती है. इसलिए इसपर 10 हजार रुपये की टैक्स की देनदारी बनती है. इसके अलावा कैलकुलेटेड टैक्स पर 4 फीसदी सेस लगता है. अगर 12,500 रुपये टैक्स है तो सेस 900 रुपये हो जाता है.
आप 80C के तहत 1.5 लाख रुपये बचा सकते हैं. इसके लिए EPF, PPF, ELSS, NSC में निवेश करना होता है. अगर आप अलग से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सालाना 50,000 रुपये तक निवेश करते हैं, तो सेक्शन 80CCD (1B) के तहत आपको अतिरिक्त 50 हजार रुपये Income Tax छूट का लाभ उठा सकते हैं. होम लोन (Home Loan) वाले अतिरिक्त 2 लाख रुपये बचा सकते हैं.
अब अगर पुराने टैक्स स्ट्रक्चर की बात करें, तो इसमें 2.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री है. इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख की आमदनी पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. लेकिन सरकार की ओर से 12,500 रुपये का रिबेट मिलने से यह भी शून्य हो जाता है. इसका मतलब ये हुआ है कि पुराने टैक्स स्ट्रक्चर में पांच लाख रुपये की आमदनी पर आपको टैक्स नहीं देना होता है.50000 salary can also save income tax
आयकर नियम साफ कहता है कि 5 लाख रुपये की कमाई पर टैक्स 12,500 रुपये (2.5 लाख का 5%) बनता है. आयकर सेक्शन 87A के तहत 12,500 रुपये के मिलने वाल रिबेट से आपको कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा. 5 लाख वाले स्लैब में शून्य टैक्स का भुगतान करना होगा.
वही, पांच लाख रुपये से ऊपर की आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है. लेकिन आप 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. यह व्यवस्था 6.5 लाख रुपये तक की इनकम को आसानी से टैक्स फ्री बना देती है.
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