सत्य खबर । नई दिल्ली
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के गुरुवार को केंद्र सरकार के साथ होने वाली चौथे दौर की वार्ता से पहले सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की एक बड़ी बैठक चल रही है। इस बैठक में सभी किसान संगठनों के पदाधिकारी सरकार के समक्ष उठाए जाने वाले अपने-अपने प्वॉइंट साझा करेंगे।
यूपी गेट पर डटे भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत भी इस बैठक में शामिल हुए हैं। किसानों के आंदोलन को ट्रांसपोर्टर का भी समर्थन मिला है। तीन कृषि बिलों को लेकर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे ट्रांसपोर्टरों ने आगामी 8 दिसंबर से देशव्यापी हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है।
वहीं, इस मुद्दे का जल्द हल तलाशने के लिए बुधवार को एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की उपस्थिति में बैठक हुई। सरकार किसानों को मनाने के लिए लगातार माथापच्ची कर रही है, लेकिन किसान किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
उधर, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कल जब किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया गया तो हम सबको उम्मीद थी कि मोदी सरकार किसानों की पुकार सुनेगी और तीन कृषि विरोधी कानूनों को खत्म करने की घोषणा करेगी, लेकिन कृषि मंत्री ने विशेष कमेटी का जुमला पेशकर किसानों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया।
– हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि किसानों को विश्वास दिलाया जाए कि कृषि कानून किसानों के हित में है। विपक्ष ने किसानों को भ्रमित करने का काम किया है। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, वहां के लोग कांग्रेस द्वारा उकसाए हुए हैं।
– नोएडा डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि पार्क अस्थायी जेल बिल्कुल भी नहीं है। किसान रोड पर बैठ गए थे तो पब्लिक परेशान हो गई थी, लिहाजा हम इन्हें पार्क में ले आए ताकि हम इनसे निवेदन कर सकें कि ऐसा कोई कदम न उठाएं कि जनता को परेशानी हो। हम इन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देंगे।
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