congress one man army on Bharat jodo yatra
हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आगाज में भारी भीड़ जुटाकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा ने अपनी सियासी ताकत का एहसास करवा दिया है। खास बात ये है कि अलग-अलग सियासी धाराओं में बंटी कांग्रेस राहुल गांधी की इस यात्रा के दौरान एकजुट नजर आ रही हैं। यात्रा में हुड्डा व रणदीप सुर्जेवाला भी जुगलबंदी करते नजर आए। यात्रा का सफल आगाज करने के बाद अब दूसरे चरण में सात जनवरी को पानीपत में प्रस्तावित कांग्रेस की रैली एक तरह से अब हुड्डा के लिए फाइनल परीक्षा मानी जा रही है। 2024 के चुनावी फाइनल से पहले यात्रा में भीड़ जुटाकर हुड्डा ने क्वार्टर फाइनल मैच तो जीत लिया है अब एक तरह से राहुल गांधी की सात जनवरी की रैली हुड्डा के लिए सैमीफाइनल माना जा रहा है।congress one man army on Bharat jodo yatra
वैसे भी 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने कोई बड़ी रैली या जलसा नहीं किया है। वैसे भी राहुल गांधी हरियाणा में तीन वर्ष बाद किसी रैली में शिरकत करने आ रहे हैं। यह रैली पानीपत में रखी गई है। हरियाणा के सियासी मिजाज को देखें तो इससे पहले अधिकांश राजनीतिक दल सिरसा, जींद, रोहतक, सोनीपत, हिसार जैसे इलाकों में रैलियां करते रहे हैं। रैलियों की हरियाणा में अपनी अहमियत रही है और इन रैलियों के जरिए सियासी फिजा बदलती रही है। ऐसे में भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा इस रैली में भारी भीड़ जुटाकर अपनी ताकत का एहसास करवाना चाहेंगे। वैसे भी अगले वर्ष में हरियाणा एक तरह से चुनावी मोड में आ जाएगा। वैसे भी कांग्रेस आलाकमान की ओर से अभी इसी साल अप्रैल में ही कांग्रेस संगठन में बदलाव किया।
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बदलाव की कड़ी में कांगे्रस ने हुड्डा के भरोसेमंद व होडल के पूर्व विधायक उदयभान को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। कांग्रेस के इस समय तीस विधायक हैं। करीब तमाम विधायक हुड्डा के साथ खड़े हैं। बेशक कांग्रेस में अलग-अलग सियासी धाराएं हैँ, लेकिन हुड्डा ने जमीन से लेकर संगठन और गांधी दरबार में अपने भरोसे को बरकरार रखा है और साबित कर दिया है कि वे हरियाणा कांग्रेस में सबसे ताकतवर चेहरा हैं। ऐसे में अपनी इस ताकत को आगे भी बरकरार रखने के लिए पानीपत की रैली हुड्डा के लिए असली व फाइनल परीक्षा मानी जा रही है। अतीत की बात करें तो हरियाणा में रैलियों का पुराना रिवाज रहा है और कामयाब रैलियों में हुड्डा को भी महारत हासिल है। दिल्ली में कांग्रेस की रैली में हुड्डा की गुलाबी पगडिय़ों की भीड़ आज भी चर्चा में रहती है। खैर अब राहुल गांधी की पानीपत रैली पर सियासी पंडितों की निगाहें लगी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस रैली के जरिए कांग्रेस सियासी समीकरण बदल पाती है या नहीं और हुड्डा इस फाइनल टेस्ट में पास हो पाएंगे या नहीं?congress one man army on Bharat jodo yatra
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