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Haryana News : सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बार फिर आई सरकार की तरफ से खुशी की खबर

सत्य ख़बर, चण्डीगढ़ ।
हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने प्रदेश में कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार की 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत रेगुलर हुए कर्मचारी 13 जून 2024 से प्रथम एसीपी स्केल के लाभ के लिए पात्र होंगे। बस कर्मचारी को पात्रता की शर्तों को पूरा करना जरूरी होगा। हालांकि कर्मचारियों को प्रमोशन या एसीपी के लाभ सर्वोच्च न्यायालय (SC) में लंबित एसएलपी के अंतिम परिणाम पर भी निर्भर करेंगे।

इसके अलावा, 13 जून से पहले पात्रता की तिथि से पदोन्नति या प्रथम एसीपी स्केल के लाभ के संबंध में निर्णय बाद में लिया जाएगा।

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इन कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले और पॉलिसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। ऐसे में सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे कर्मचारियों की प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट में लंबित केस के परिणाम (फैसलों) के अधीन होंगी।
एक तरह से सरकार ने साफ कर दिया है, अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला कर्मचारियों के खिलाफ आता है तो ऐसी सूरत में प्रमोशन का फैसला भी वापस हो सकता है। इसलिए ही सरकार इस मामले में सशर्त प्रमोशन सरकार देगी।

हरियाणा राज्य और अन्य बनाम योगेश त्यागी और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के 18 जून, 2020 को जारी निर्देशों के अनुसरण में 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत नियमित किए गए कर्मचारियों के पदोन्नति लाभों को रोकने का निर्णय लिया गया था।
अब सुप्रीम कोर्ट ने ‘मदन सिंह एवं अन्य बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य’ मामले में विभिन्न एसएलपी को जोड़कर 6 फरवरी, 2024 के अंतरिम आदेशों के माध्यम से निर्देश दिए थे कि 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत नियमित किए गए कर्मचारियों की पदोन्नतियां मौजदा अपीलों के परिणाम के अधीन होंगी। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 2014 की पॉलिसी के तहत नियमित हुए कर्मचारियों को प्रमोशन देने का निर्णय सरकार ने लिया है।

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हरियाणा में 20 साल बाद कच्चे कर्मचारी नियमित होंगे। सरकार ने बताया है कि दो सप्ताह के भीतर ही ऐसे कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। यह जानकारी प्रदेश सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों की ओर से दायर अवमानना याचिका के जवाब में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में यह जानकारी दी है। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इसको लेकर एक प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था, जिस पर वित्त विभाग ने अपनी मुहर लगा दी है।

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