सत्य खबर, चण्डीगढ़
हरियाणा में जिन बुजुर्गों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। आज बुजुर्गों के खातों में पेंशन की रकम आ गई है। हालांकि इससे पहले चर्चाएं थी कि पिछले दो महीने से बुजुर्गों के खातों मेंं पेंशन की राशि नहीं आई है जिसके चलते जहां बुजुर्गों को परेशानी हो रही थी वहीं वो लगातार बैंकों के भी चक्कर काट रहे थे।
इसके अलावा अब बुजुर्गों को पेंशन बनवाने के लिए समाज कल्याण विभाग में धक्के खाने की जरूरत नहीं। परिवार पहचान पत्र बनवा चुके जिस भी व्यक्ति की उम्र 60 साल होती है, उसकी पेंशन अपने आप बन जाएगी। जिन लोगों के पास जन्मतिथि का कोई साक्ष्य नहीं है, उनकी जन्मतिथि को सत्यापित करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली को सरल बनाने पर सरकार जल्द विचार करेगी।
सबका साथ और सबका विकास के मूल मंत्र पर काम कर रही हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा में पिछले सात साल में ना केवल सामाजिक पेंशन में ढाई गुना बढ़ोतरी की है बल्कि पेंशन भोगियों की संख्या भी 2015 के मुकाबले दोगुनी हो गई है। वर्ष 2015 में 15,55,440 लाभार्थियों को एक हजार रू प्रतिमाह पेंशन दी जाती थी और जबकि आज लाभार्थियों की संख्या 28,57,529 हो गई है और पेंशन एक हजार से बढकर ढाई हजार रू प्रतिमाह।
हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार द्वारा बुढ़ापा पेंशन समय पर दी जा रही है और पेंशन को खत्म नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि जिन्हें अभी पेंशन नहीं मिली है आगामी एक दो दिनों में उनके खातों में पेंशन का पैसा आ जाएगा।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2013-14 में हरियाणा में 1000 रुपए पेंशन मिलती थी जिसे 2014-15 में 1200 रुपए, 2015-16 में 1400 रुपए, 2016-17 में 1600 रुपए, 2017-18 में 1800 रुपए, 2018-19 में 2000 रुपए, 2019-20 में 2250 रुपए और 2020-21 में 2500 रुपए किया गया।
हरियाणा में वर्तमान में बुजुर्गों को 2500 रुपए पेंशन दी जा रही है जो कि अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है। हरियाणा की अपेक्षा कांग्रेस शासित पंजाब में बुजुर्गों को केवल 1500 रुपए पेंशन मिलती है। दिल्ली में बुजुर्गों को करीब 2000 रुपए बतौर पेंशन मिलते हैं। वहीं राजस्थान में यह पेंशन 750 से 1000 रुपए तक है। ऐसे में अगर तुलना की जाए तो इन राज्यों की अपेक्षा हरियाणा में कहीं अधिक पेंशन दी जा रही है।
प्रदेश सरकार सबका साथ सबका विश्वास की भावना से काम करते हुए अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास के लिए नई नई योजनाओं पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि अब प्रदेश में 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर वृद्धावस्था पेंशन खुद ब खुद लग जाएगी। जिन लोगों के पास जन्मतिथि का कोई साक्ष्य नहीं है, उनकी जन्मतिथि को सत्यापित किया जाएगा। इसके लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली पर सरकार जल्द विचार करेगी।
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