सत्य खबर, नई दिल्ली । Health: Do not make these mistakes while sitting up
आपने फौजियों की परेड देखते समय यह जरूर ध्यान दिया होगा कि वे सभी एक जैसे तने शरीर और चुस्त चाल के साथ चलते हैं। लम्बे समय तक एक ही पोजीशन में खड़े रहने या बंदूक ताने रहने के बावजूद उनके पोस्चर पर कोई असर नहीं होता। इसका कारण होता है सही पोश्चर में रहने का अभ्यास। सही पोस्चर केवल आपके शरीर को दुरुस्त रखने में ही मदद नहीं करता, इससे आपके मन की स्थिति पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। आजकल दिनचर्या और जीवनशैली के बदलने का असर उठने-बैठने के तरीकों पर भी पड़ा है। इससे कम उम्र में ही पोस्चर बिगड़ने की आशंका भी बढ़ने लगी है। एक अच्छे पोस्चर के लिए जरूरी है शुरुआत यानी बचपन से ही बैठने-खड़े होने के तरीकों पर ध्यान देना। खासकर जब बच्चे बैठें तो उनकी पीठ सीधी और तनी रहे। एक बार यह आदत होने पर हमेशा ही पोश्चर सही बनाए रखने में मदद मिलती है। बचपन में अगर प्रयास न किया हो तो युवावस्था में भी पोस्चर को सही बनाने की कोशिश की जा सकती है क्योंकि उम्र के बढ़ते जाने के साथ गलत पोस्चर न केवल आपकी आदत बन सकता है बल्कि शरीर उसी तरीके से ढल जाता है और फिर पोस्चर को चाहते हुए भी सुधारा नहीं जा सकता। इसलिए कोशिश करें कि कम उम्र में ही पोश्चर को सुधार लें।
इस तरह रखें ध्यान:
पोश्चर को सही करने के लिए आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा। ये वे तरीके हैं जो बहुत जटिल भी नहीं हैं और आसानी से आप इन्हें जीवनशैली के साथ जोड़ सकते हैं। ऐसे कुछ तरीके या बातें जो पोस्चर को सही बनाए रखने में मदद कर सकती हैं, वे हैं-
-कंधे झुकाकर न बैठें। इस तरह से बैठने से आपकी रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। साथ इससे जुडी हड्डियों, मांसपेशियों, जोड़ों सभी पर अतिरिक्त तनाव आ जाता है। केवल रीढ़ ही नहीं कंधे झुकाकर या आगे की तरफ झुककर बैठने से फेफड़ों और आंतों के काम करने में भी बाधा आने लगती है। इतना ही नहीं, लंबे समय तक ऐसे बैठने से पाचन शक्ति के गड़बड़ाने और सांस लेने में दिक्कत होने जैसे लक्षण भी सामने आने लगते हैं जो आगे जाकर गंभीर समस्या भी खड़ी कर सकते हैं।
-दफ्तर में काम करते समय या पढाई करते समय टेबल पर झुककर बैठना या पीठ को कुर्सी से दूर रखकर बैठना भी तकलीफदायक हो सकता है। यह कमर और रीढ़ दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए अगर आपका काम लंबे समय तक बैठने वाला हो तो कुर्सी पर कुशन या तकिया लगाकर बैठें। ताकि आपकी पीठ सीढ़ी और तनी रहे। आप चाहें तो रीढ़ की हड्डी को सही सपोर्ट देने के लिए एक टॉवल को रोल करके भी रख सकते हैं। बैठते समय अपने घुटनों को भी समान ऊंचाई पर रखें। अगर आप पैर रखने के लिए किसी ऊँची सतह का उपयोग करते हैं तो यह सतह समतल और एक जैसी हो यह जरूरी है। पैरों को सतह पर सीधा और पूरी तरह जमीन से जुड़ा रखें। बार-बार टेबल की और झुकें नहीं।
चाहे बात कर रहे हों, किचन का काम कर रहे हों या बस स्टॉप पर इंतजार कर रहे हों, सीधे खड़े रहने की आदत डालें। एक पैर पर खड़े रहना, किसी चीज से आधा टिककर खड़ा होना या एक हाथ पर वजन डालकर टेढ़ा खड़ा होना पूरे शरीर के संतुलन को गड़बड़ कर सकता है। अपने मन में यह कल्पना करें कि आप किसी दीवार के सहारे खड़े हैं, जैसे हाइट नापते समय किया जाता है। आपके कंधे पीछे की तरफ, सीधे और तने हुए हों, घुटने एकदम सीधे हों और पेट अंदर की तरफ हो तो यह सही पोश्चर होगा। सीधे खड़े रहने की आदत शरीर के लिए तो फायदेमंद होगी ही, इससे आप लंबे और दुबले भी दिखाई देंगे। साथ ही यह आपके आत्मविश्वास में भी इजाफा करेगी, यानी मानसिक स्तर पर भी इससे सकारात्मक बने रहने में मदद मिलेगी।
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-लैपटॉप, टैबलेट्स या मोबाइल फोन का प्रयोग आज की जरूरत भी है। खासकर कोरोना के आने के बाद से डिजिटल दुनिया ने हमारे जीवन का बड़ा हिस्सा अपने नाम कर लिया है। ऐसे में जरूरी है कि पोस्चर सही बना रहे ताकि आगे जाकर शरीर को तकलीफ का सामना न करना पड़े। इन गैजेट्स का उपयोग करते समय हमेशा बीच-बीच में ब्रेक लेकर गर्दन सीढ़ी करें, स्ट्रेचिंग करें। फोन का उपयोग करते समय फोन को आंखों की ऊंचाई तक लाएं और अपनी आंखों को काम के हिसाब से घुमाएं, न कि सिर को। लंबे समय तक फोन को गलत पोश्चर के इस्तेमाल करने से रीढ़ की हड्डी और कंधे के जोड़ों पर दबाव पड़ता है जो मुश्किल खड़ी कर सकता है।
-ऊंची एड़ी के जूते केवल पैरों की सेहत ही नही बिगाड़ते, ये आपके पूरे पोश्चर को खराब कर सकते हैं और कई बार तो हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी गम्भीर समस्या का कारण भी बन सकते हैं। इनके कारण कमर दर्द, घुटनों का दर्द और पैरों में सूजन जैसी तकलीफें आम होती हैं। इसलिए ऊंची एड़ी के फुटवेयर्स का इस्तेमाल कम से कम करें। यदि ऊंची एड़ी के फुटवेयर बार-बार पहनना भी पड़े तो प्लेटफॉर्म हिल जैसा विकल्प आप चुन सकते हैं।
-जो लोग लंबी दूरियों तक या लगातार गाड़ी चलाते हैं उनके लिए भी पोस्चर का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। चाहे दुपहिया हो या चार पहिया, पीठ को सीधा बनाए रखना यहां भी जरूरी है। दोपहिया वाहन में कोई भी वजन जैसे बैग या टिफिन वगैरह, कंधे या पीठ पर टांगने की जगह सामने रखें। इससे आपके कन्धों और पीठ पर वजन नही पड़ेगा। बहुत झुक कर थामने वाले हैंडल्स का उपयोग करने से बचें। हैलमेट वजन में हल्का और सही क्वालिटी का पहनें। चार पहिया वाहन चलाते समय अपनी सीट स्टीयरिंग व्हील के पास रखें, घुटनों को हल्का सा मोड़ें, पैरों को क्रॉस करके न रखें और पीठ के लिए कुशन जरूर रखें।
-भारतीय घरों में लंबे समय से उपयोग में लाए जाने वाले रुई के गद्दों का स्थान आजकल बहुत नर्म और हल्के मैट्रेस लेने लगे हैं। हालांकि बदलाव हर पीढ़ी के साथ आता है लेकिन विज्ञान की मानें तो अब भी आपके शरीर के लिए ज्यादा मुलायम मैट्रेस उतने असरदार नहीं, जितने रुई के गद्दे हैं। सोने या लेटने के लिए गद्दों का एकसमान होना, अधिक मुलायम न होना, जरूरी है। ताकि रीढ़ सोते समय भी प्राकृतिक आकार में रहे। करवट लेकर घुटनों को हल्का सा मोड़ना ठीक है लेकिन उन्हें एकदम सीने के पास लाकर न सोएं। कोशिश करें कि सिर के नीचे रखा तकिया अधिक ऊंचा न हो और गर्दन के नीचे तक आए।
-व्यायाम हर स्तर पर आपके शरीर को मजबूत बनाने का काम करता है। अपने एक्सरसाइज रूटीन में स्ट्रेचिंग को शामिल जरूर करें। योग क्रियाओं को जिंदगी का हिस्सा बनाएं, इसका असर लंबे समय तक आपको स्वस्थ बनाए रखेगा। अपने वजन को संतुलित रखें, यदि जोड़ों में या शरीर में कहीं भी लंबे समय तक दर्द बना रहता है तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। Health: Do not make these mistakes while sitting up
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