hindu calendar of 22 december
सत्य खबर ,नई दिल्ली ।
⛅दिनांक – 22 दिसम्बर 2022
⛅दिन – गुरुवार
⛅विक्रम संवत् – 2079
⛅शक संवत् – 1944
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शिशिर
⛅मास – पौष (गुजरात, महाराष्ट्र में मार्गशीर्ष)
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – चतुर्दशी शाम 07:13 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅नक्षत्र – अनुराधा सुबह 06:33 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅योग – शूल शाम 05:44 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅राहु काल – दोपहर 01:59से 03:19 तक
⛅सूर्योदय – 07:17
⛅सूर्यास्त – 06:00
⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:30 से 06:23 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:11 से 01:05 तकhindu calendar of 22 december
⛅व्रत पर्व विवरण –
⛅विशेष – चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
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🔹नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹
🔸22 दिसम्बर 2022 शाम 07:14 से 23 दिसम्बर अपराह्न 03:46 तक अमावस्या है ।
🔹घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।
🔹आहार 🔹
👉 1. शीत ऋतु में खारे, खट्टे मीठे पदार्थ खाने-पीने चाहिए । इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए पौष्टिक, शक्तिवर्धक और गुणकारी व्यंजनों का सेवन करना चाहिए ।
👉 2. इस ऋतु में घी, तेल, गेहूँ, उड़द, गन्ना, दूध, सोंठ, पीपर, आँवले, वगैरह में से बने स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजनों का सेवन करना चाहिए ।
👉3. इस ऋतु में जठराग्नि के अनुसार आहार न लिया जाये तो वायु के प्रकोपजन्य रोगों के होने की संभावना रहती है । जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी न हो उन्हें रात्रि को भिगोये हुए देशी चने सुबह में नाश्ते के रूप में खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए ।
👉 4. जो शारीरिक परिश्रम अधिक करते हैं उन्हें केले, आँवले मुरब्बा,तिल, गुड़,नारियल, खजूर आदि का सेवन करना अत्यधिक लाभदायक है ।
👉 5. एक बात विशेष ध्यान में रखने जैसी है कि इस ऋतु में रातें लंबी और ठंडी होती हैं । अतः केवल इसी ऋतु में आयुर्वेद के ग्रंथों में सुबह नाश्ता करने के लिए कहा गया है, अन्य ऋतुओं में नहीं ।
👉 6. अधिक जहरीली (अंग्रेजी) दवाओं के सेवन से जिनका शरीर दुर्बल हो गया हो उनके लिए भी विभिन्न औषधि प्रयोग जैसे कि शिलाजित रसायन,त्रिफला रसायन, चित्रक रसायन,लहसुन के प्रयोग वैद्य से पूछ कर किये जा सकते हैं ।
👉 7. जिन्हें कब्जियत की तकलीफ हो उन्हें सुबह खाली पेट हरड़े एवं गुड़ अथवा यष्टिमधु एवं त्रिफला का सेवन करना चाहिए । यदि शरीर में पित्त हो तो पहले कटुकी चूर्ण एवं मिश्री लेकर उसे निकाल दें । सुदर्शन चूर्ण अथवा गोली थोड़े दिन खायें ।
🔷 विहार : आहार के साथ विहार एवं रहन-सहन में भी सावधानी रखना आवश्यक है ।
👉 1. इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए तेल की मालिश करनी चाहिए ।
👉 2. चने के आटे, आँवले के उबटन का प्रयोग लाभकारी है। कसरत करना अर्थात् दंड-बैठक लगाना, कुश्ती करना, दौड़ना, तैरना आदि एवं प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करना चाहिए ।
👉 3. सूर्य नमस्कार, सूर्यस्नान एवं धूप का सेवन इस ऋतु में लाभदायक है ।
👉 4. सामान्य गर्म पानी से स्नान करें किन्तु सिर पर गर्म पानी न डालें ।hindu calendar of 22 december
👉 5. कितनी भी ठंडी क्यों न हो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए । रात्रि में सोने से हमारे शरीर में जो अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है वह स्नान करने से बाहर निकल जाती है जिससे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है ।
👉 6. सुबह देर तक सोने से यही हानि होती है कि शरीर की बढ़ी हुई गर्मी सिर, आँखों, पेट, पित्ताशय, मूत्राशय, मलाशय, शुक्राशय आदि अंगों पर अपना खराब असर करती है जिससे अलग-अलग प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं । इस प्रकार सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से इन अवयवों को रोगों से बचाकर स्वस्थ रखा जा सकता है ।
👉 7. गर्म-ऊनी वस्त्र पर्याप्त मात्रा में पहनना,अत्यधिक ठंड से बचने हेतु रात्रि को गर्म कंबल ओढ़ना, रजाई आदि का उपयोग करना, गर्म कमरे में सोना लाभदायक है ।
🔷 अपथ्य : इस ऋतु में अत्यधिक ठंड सहना, ठंडा पानी, ठंडी हवा, भूख सहना, उपवास करना, रूक्ष, कड़वे, कसैले, ठंडे एवं बासी पदार्थों का सेवन, दिवस की निद्रा, चित्त को काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष से व्याकुल रखना हानिकारक है ।
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