सत्यखबर सफीदो (महाबीर मित्तल) – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा में 251 बहनें अपने सिर पर कलश उठाए हुई थी। यात्रा में कई आकर्षक एवं मनमोहक झांकियां निकाली गई, जिसमें पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रृद्धाजंलि देने की विशेष झांकी की भी झलक देखने को मिली। बहन स्नेहलता व कीर्ति ने बताया कि यात्रा में शामिल विभिन्न झांकियों के माध्यम से आमजन ने जाना कि कृष्ण जी के ईश्वर शिव है, इसीलिए उन्हें गोपेश्वर भी कहा जाता है।
एक अन्य झांकी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए दिखाया गया था कि शिव शक्ति ही भारत माता व नारी ही स्वर्ग का द्वार है। नारी शक्ति को ही परमात्मा ने ऊंचा उठाया था। उन्होंने कहा कि भारतीय जनमानस में यह मान्यता है कि शिव में सृजन और संहार की क्षमता है। उनकी यह भी मान्यता है कि शिव आशुतोष हैं अर्थात सहज ही प्रसंन्न हो जाते हैं। इसी भावना को लेकर वे शिव पर जल चढ़ाते हैं और उनकी पूजा करते हैं परंतु प्रश्र यह उठता है कि जीवन भर नित्य शिव पूजा करते रहने पर भी तथा हर वर्ष श्रद्धापूर्वक शिवरात्रि जागरण व व्रत करने पर भी मनुष्य के पाप व संताप क्यों नहीं मिटते।
उसे मुक्ति और जीवन मुक्ति अथवा शक्ति क्यों नहीं मिलती। शिवरात्रि से जुड़े इन प्रश्रों का उत्तर इसके आध्यात्मिक रहस्य का उद्घाटन करते हैं, इसलिए शिव का सम्बंध रात्रि से जोड़ा जाता है और परमात्मा शिव की रात्रि में पूजा को अधिक महत्व दिया गया है।
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