सत्य खबर, करनाल।In view of the possibility of rain for the next 3-4 days, the administration should make strong arrangements in time- Deepender Hooda
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज इंद्री हलके के विभिन्न गांवों में बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर लोगों को हो रही कठिनाईयों के बारे में जानकारी ली और स्थानीय प्रशासन से बात करके राहत कार्यों में और तेजी लाने की माँग की। इस दौरान दीपेन्द्र हुड्डा ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी परेशानियों को जाना और कहा कि जलनिकासी न होने से हा-हाकार मचा हुआ है लोगों को खाने-पीने की किल्लत के साथ ही पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। बड़े पैमाने पर लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है, खेतों में लाखों एकड़ खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। ग्रामीणों ने सांसद दीपेन्द्र हुड्डा को बताया कि इस बाढ़ के साथ खेतों में 5 फुट तक मिट्टी आ गई है जिसके कारण पूरे साल वो फसल नहीं लगा पाएंगे। ग्रामीणों की मांग है कि किसान के खेतों में जो यमुना के पानी के साथ जो रेत आ गई है उसको उठाने का अधिकार भी किसान को मिले। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि गांवों और शहरों में सड़कों और घरों में पानी भर गया है। घरों और दुकान में रखा सामान बाढ़ के पानी में नष्ट हो गया है। बहुत से ऐसे गाँव हैं जहाँ प्रशासन अब तक पहुंचा ही नहीं। इस चुनौतीपूर्ण समय में हम सभी का दायित्व है कि मिलजुल कर इस आपदा से मुकाबला करें और लोगों की जान व संपत्ति की रक्षा में हर संभव मदद करें। सरकार के लचर और लापरवाह रवैये ने पूरे प्रदेश में जलभराव संकट से लोगों की पीड़ा को बढ़ाने का काम किया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि बाढ़ आपदा में मृतकों के परिवारों को कम से कम 20 लाख और फसल के नुकसान के लिए 40 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे सरकार। उन्होंने ने यह भी कहा कि लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है इसलिए मुआवजे के साथ ही जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री और उनके मवेशियों के लिए चारे का वितरण अविलंब किया जाए। साथ ही प्रभावित गांवों का मानसून सीजन का 3 महीने का बिजली बिल माफ हो और अगले 3-4 दिन बारिश की आशंका को देखते हुए प्रशासन समय रहते पुख्ता इंतजाम करे।
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दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बाढ़, जलजमाव के चलते जो लोग विस्थापित हुए हैं या उनके आवास क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनके पुनर्वास के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। किसानों की खेती, खेतों में लगे बोरवेल व मोटर कंडम हो चुके हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार फसलों के मुआवजे के साथ बोरवेल व मोटर के लिए भी किसानों को अतिरिक्त मुआवजा दे। व्यापारियों, दुकानदारों को भी काफी नुकसान हुआ है इसका भी सर्वेक्षण कर उचित मुआवजा दिया जाए। बाढ़ के पानी के कारण अब बिमारियां फैलने का भी खतरा हो गया है, इसलिए प्रशासन प्रयाप्त मात्रा में दवा और चिकित्सकों की टीम भेजने का प्रबंध करे। इसके अलावा भविष्य में ऐसी आपदा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक उपाय किए जाएं।
उन्होंने कहा कि अवैध खनन ने बाढ़ की विभीषिका को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। इसके चलते यमुना नदी के बहाव का रास्ता कई स्थानों पर बदल गया है। बीते 9 साल में इस सरकार ने न तो नदी के तटबंधों को पक्का किया न ही नालों की सफाई कारवाई। यमुना के साथ जो रास्ता बनना था उसपर भी कोई काम नहीं किया और तो और दादूपुर नलवी नहर परियोजना को बंद कर दिया। इलाके के बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि यदि दादूपुर नलवी नहर परियोजना को इस सरकार ने बंद न किया होता, समय से तटबन्धों की मरम्मत करवा दी गई होती, जलनिकासी के लिए सीवेज, ड्रैन आदि की साफ-सफाई समय रहते हो जाती, अवैध खनन व अवैध निर्माण पर अंकुश लगा दिया होता, तो इस कदर तबाही का मंजर न देखना पड़ता, न ही इतना नुकसान होता।
दीपेन्द्र हुड्डा ने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं व टीम दीपेन्द्र के साथियों से अपील करी कि ये समय चुनौती का है और जिस प्रकार कोरोना के समय सभी ने मिलकर लोगों की मदद का हाथ बढ़ाया उसी प्रकार पूरी सावधानी और सतर्कता बरतते हुए अपने अपने क्षेत्रों में बाढ़ग्रस्त इलाकों से खतरे में फंसे लोगों को बाहर निकालने में सहायता करें। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को खाने-पीने के सामान, पशुओं के चारे की व्यवस्था कराने में बढ़चढ़कर भागीदारी करें।
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