सत्य खबर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
Jawahar had to resign from the post of Vinod Lumberdar of Gurugram.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी रहे जवाहर यादव को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा देना ही पड़ा। ओएसडी के इस्तीफा को लेकर राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि ओएसडी गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। वहीं यह भी चर्चा है जोरों पर है कि गुरुग्राम के विनोद लंबरदार द्वारा उनके ऊपर पद का दुरुपयोग कर अर्जित की गई अर्थात संपत्ति मामले में की गई प्रैंस कॉन्फ्रेंस की गूंज भाजपा हाई कमान तक पहुंच गई थी। जिसमें विनोद लंबरदार ने सोम मुंजाल, पूर्व मंत्री राव नरवीर के पीए रहे सतपाल यादव व गुरुग्राम में डीटीपी पद पर तैनात रहे आर एस बाट पर काफी गंभीर आरोप लगाए थे। वही ओएसडी की संपत्ति की जांच की मांग भी उठाई थी। जिससे प्रदेश भाजपा की जमकर किरकिरी हुई थी। जिसको लेकर अंदर खाने भाजपा में कलह बना हुआ था। वहीं सुत्रो से यह भी जानकारी मिली है कि ओएसडी के चहेते उनको बादशाहपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की अफवाह फैला रहे हैं। जिसपर पहले ही भाजपा में कई टिकट के दिग्गज दावेदार बैठे हैं। जिसपर आज विभिन्न विभिन्न समाचार पत्रों में ओएसडी के इस्तीफा को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं सुत्र यह भी बताते हैं कि गांव मोलाहेडा के कुछ ग्रामीणों में यह भी कहते सुना है कि ओएसडी के आसपास तो अधिकतर भूमि माफियाओं की मंडली मंडराती रहती है। लोगों का तो यहां तक भी कहना है कि वह तो केवल गरीब परिवारों में ही भेदभाव की नीति से विवाद पैदा करवा रहे हैं। जिसका जीता जागता नजारा भैया दूज वाले दिन पर गांव मोलाहेडा में बुजुर्ग हरपाल यादव के घर पर देखने में मिला जहां पर एक निगम अधिकारी ने दबी जबान में बताया था कि हमारे ऊपर तो दबाव डाला है तभी हम गांव में आकर तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। वहीं सैक्टर 22 निवासी एक सीनियर सिटीजन ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ओएसडी पहले सेक्टर 22 में रहता था तो उसके पास कुछ भी नहीं था और अब एकदम से इतना पावरफुल केसे बन गया यह समझने वाली बात है ।
यहां तक की चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहा है। जबकि उसका आसपास के क्षेत्र में कोई जना धार नहीं है, अगर उसने बादशाहपुर विधानसभा से चुनाव लड़ना ही था तो पद पर बने रहकर भी लड़ सकता था। यह तो भाजपा की एक रणनीति बनी हुई है कि दूसरी पार्टियों को चुनावों में कुछ कहने का मोका न मिले और भ्रष्टाचारियों को अपने आप ही पद से एक तरफ किया जा सके। यह तो राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं चली हुई है। अब देखना यह होगा कि बादशाहपुर विधानसभा सीट पर भाजपा किसी नए चेहरे को लेकर आती है या पुराने ही किसी भाजपा नेता को दोबारा किस्मत आजमाने का मौका देती है। शेष भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है कि इसके पीछे असली कारण क्या है।
Jawahar had to resign from the post of Vinod Lumberdar of Gurugram.