सत्य खबर, नई दिल्ली ।
Justin Trudeau’s close MP reaches Khalistani terrorist Nijjar’s Gurudwara
एक अक्टूबर को खालितानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडाई नागरिकता से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है। न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के प्रधानमंत्री के करीबी और कनाडाई सांसद सुख धालीवाल ने कथित तौर पर निज्जर को कनाडा में स्थायी निवास या पीआर दिलाने में मदद की थी। इसके अलावा, न्यूज-18 की रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि जस्टिन ट्रूडो के सांसद ने कथित तौर पर निज्जर को देश में अपना नेटवर्क स्थापित करने में मदद की थी। जिससे साबित होता है, कि जस्टिन ट्रूडो की पार्टी, किस तरह से भारत विरोधी खालस्तानियों को ना सिर्फ अपने देश में संरक्षण दे रही है, बल्कि उन्हें फलने-फुलने में भी मदद कर रही है। निज्जर के गुरुद्वारे में सुख धालीवाल also Read: आप नेता संजय सिंह के घर पहुंची ईडी,जानिए किस मामले में वहीं, ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जिस गुरुद्वारे से हरदीप सिंह निज्जर जुड़ा हुआ था, उस गुरुद्वारे में सुख धालीवाल को देखा गया है, जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं, कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोध में किस हद तक जाएंगे। सुख धालीवाल को उसी गुरुद्वारे में देखा गया है, जहां पर हरदीप सिंह निज्जर को गैंगवार में मार दिया गया था और सुख धालीवाल ने खालिस्तान समर्थक अर्श दल्ला और गोल्डी बरार के प्रत्यर्पण की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।
सुख धालीवाल, जिसका पूरा नाम सुखमिंदर धालीवाल हैं, उन्होंने भारतीय मीडिया से बातचीत में कनाडा को बचाने की बात करते हुए खालिस्तान समर्थक अर्श दल्ला और गोल्डी बरार के प्रत्यर्पण की मांग को सिरे से खारिज कर रहे हैं। अज्ञात खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए, न्यूज18 ने बताया है, कि धालीवाल ने निज्जर के पीआर की व्यवस्था की थी। हालांकि वह नो-फ्लाई लिस्ट में था। आपको बता दें, कि धालीवाल आव्रजन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। सूत्रों ने आगे संकेत दिया, कि निज्जर का पीआर सिख समर्थन आधार और पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई से उसकी निकटता के कारण ऐसा होना संभव हो पाया।
कौन हैं सुख धालीवाल?
आपको बता दें, कि सुख धालीवाल का निर्वाचन क्षेत्र सरे है, और सरे में ही हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की गई थी। नज्जर सरे के एक गुरुद्वारे में रहता था, जहां अज्ञात हमलावरों ने उसकी हत्या कर दी। खुफिया सूत्रों ने आगे खुलासा किया, कि निज्जर कथित तौर पर एक आव्रजन रैकेट संचालित कर रहा था, जिसके तहत वह लोगों को अपनी अवैध गतिविधियों में शामिल करने के लिए कनाडा लाता था। निज्जर ने जो पैसा कमाया, वह कथित तौर पर धालीवाल और उसके बीच बांटा गया था।