सत्य खबर, नई दिल्ली । Kashmir is changing
कश्मीर के हालात लगातार बदल रहे हैं और बदलते कश्मीर की तस्वीरें सुकून देने वाली हैं. यहां भारतीय सेना और सरकार के प्रति लोगों का भरोसा देखने लायक है. कभी आतंकवादियों के गढ़ माने जाने वाले सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी अब स्कूल-कॉलेज खुल रहे हैं. ग्राम प्रधान के चुनाव हो रहे हैं और लोग मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. ग्रामीणों सेना से ट्रेनिंग ले रहे हैं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में विलेज डिफेंस सिस्टम को फिर से ऊर्जा दी जा रही है. विशेषतौर पर राजौरी के ढांगरी गांव में हुए दो आतंकवादी हमलों के तुरंत बाद सीआरपीएफ ने राजौरी पुलिस के साथ मिलकर 6 जनवरी से 25 जनवरी 2023 तक विलेज डिफेंस ग्रुप के 948 सदस्यों को ट्रेनिंग दी.
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के प्रश्न का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री ने यह बात बताई. नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2018 से 2022 के बीच जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के द्वारा अंजाम दी गई घटनाओं और सुरक्षा बलों के साथ उनके एनकाउंटर की घटनाओं में कुल मिलाकर 45 फीसद तक की कमी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि साल 2022 में जम्मू कश्मीर में हुई कुल 242 आतंकी घटनाओं में से 125 को आतंकवादियों ने अंजाम दिया, जबकि 117 एनकाउंटर हुए.
उन्होंने बताया कि साल 2018 से 2022 के बीच आतंकी घटनाओं में स्थानीय लोगों की मृत्यु का आंखड़ा 23 फीसद कम हुआ है, जबकि सुरक्षाबलों में शहीद होने वालों की संख्या में भी 66 फीसद की कमी दर्ज की गई है. यही नहीं जम्मू कश्मीर में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन भी पिछले वर्षों में बढ़े हैं. ऐसे ऑपरेशन 2018 में जहां सिर्फ 100 हुए थे, वहीं 2021 में घटकर 95 हुए और 2022 में इनकी संख्या फिर से बढ़कर 111 हो गई.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि साल 2022 में कुल 187 आतंकवादी मारे गए, जो 2018 के 257 के मुकाबले कम थे, लेकिन 2021 के 180 के मुकाबले ज्यादा रहे. इसी तरह साल 2018 में 17 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि साल 2022 में 24 आतंगवादी गिरफ्तार किए गए हैं.
also read:
क्या है अमरता का वरदान, जानिए यहां पर
ट्रांसजेंडर जहाद बना माँ,जानिए कैसे
एक सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक 4 आतंतवादी मारे गए हैं. यह आंकड़ा साल 2022 के 20 के मुकाबले बहुत कम है. उन्होंने बताया कि जनवरी में ढांगरी गांव में हुए दो आतंकी हमलों के बाद विलेज डिफेंस ग्रुप वॉलेंटियर्स की ट्रेनिंग का नया दौर शुरू किया गया है. विशेषतौर पर उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई है.
नित्यानंद राय ने बताया कि कुल 4,985 विलेज डिफेंस ग्रुप सेंक्शन किए गए हैं, जिसमें से 4,153 को बना दिया गया है और हर एक ग्रुप में 15 सदस्य हैं. साल 2022-23 में कोई भी नया विलेज डिफेंस ग्रुप नहीं बनाया गया है. आतंकवादी घटनाओं के लिए अधिक संवेदनशील इलाकों में बनाए गए विलेज डिफेंस ग्रुप के मुखिया को 4,500 रुपये मासिक का मानदेय दिया जाता है. वॉलेंटियर को 4 हजार रुपचे प्रतिमाह दिया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में जम्मू डिवीजन में आतंकवादी घटनाओं में बहुत बड़ी कमी आई है. Kashmir is changing
Aluminum recycling best practices Aluminium scrap manufacturing processes Scrap metal disposal center