सत्य खबर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
Land mafias have captured lands worth crores of rupees in village Gwal Pahari of Gurugram Corporation Zone 3 area.
गुरुग्राम नगर निगम वर्ष 2008 से अस्तित्व में आया था। जिसमें शामिल आसपास के गांव का जहां करोड़ों रुपए निगम खाते में जमा हो गया था। वहीं सभी सरकारी जमीनो का भी मलकाना हक नगर निगम के नाम राजस्व रिकॉर्ड की जमाबंदी में दर्ज हो गया था। लेकिन नगर निगम ने आसपास के शामिल गांवों में भरपूर विकास कार्य कराए और लोगों को आवश्यक मूलभूत सुविधाए भी काफी हद तक उपलब्ध कराई। लेकिन फिर भी निगम क्षेत्रवासियों में निगम अधिकारियों के प्रति इस बात का गहरा रोष है कि निगम अधिकारियों ने वषों से सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे भू माफियाओं से सरकारी जमीनों को मुक्त नहीं करवाया है।
क्षेत्रवासियों में इस बात की आम चर्चा है कि पहले तो गांव में एक सरपंच होता था जिसको लेकर काफी गुटबाजी चलती थी। मगर अब तो निगम बन गया है फिर भी अधिकारी अवैध कब्जे को लेकर गंभीर नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण अधिकारियों की सरकारी जमीनों पर कब्जा कर चांदी कूटने वालों की मिलीभगत है, जिस कारण से अधिकारी सरकारी जमीनों से अवैध कबजे हटवाने में गंभीर नहीं है। जिससे आए दिन निगम अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आप भी लग रहे हैं। क्षेत्र वासियों का कहना है कि निगम की इंफोर्समेंट टीम में बैठे अधिकतर एसडीओ भूमाफियाओं से सुविधा शुल्क लेकर सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे नहीं हटवा रहे हैं। ऐसा एक हाई प्रोफाइल मामला जोन तीन के गांव ग्वाल पहाड़ी का सामने आया है। जिसमें निगम की करोड़ों अरबो की जमीनों पर भूमाफियाओं ने क्रिकेट ग्राउंड, टी कैफे , पीजी,होटल, ढाबा,रेस्टोरेंट व अन्य व्यवसायिक गतिविधियां चलाकर लाखों रुपए महीना वसूल रहे हैं।
जिनमे ना तो कोई लाइसेंस इत्यादि लिया गया है और ना ही सरकारी नियम कानून लागू हो रहे हैं। सभी नियम कानून को ताक पर रखकर भूमाफिया निगम अधिकारियों की मिली भगत से अवैध गतिविधियां सरकारी जमीनों पर चला रहे हैं। ग्रामीण राहुल, प्रेम शर्मा, प्रेम तंवर, चमन लाल, नरेश वगैरा ने लिखित शिकायत दिखाते हुए बताया कि वह पिछले कई वर्षों से गांव की सरकारी जमीनों सरेआम रास्तों से अवैध कब्जे हटवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, मगर निगम अधिकारियों की मिली भगत से इस जनहित के कार्य में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। ग्रामीण चमन लाल ने तो शिकायत दिखाते हुए बताया कि जोन थ्री इंफोर्समेंट विंग के एसडीओ दिलीप तोड़फोड़ करने आते हैं मगर भूमाफिया से रिश्वत के पैसे लेकर पुलिस के साथ वापस चले जाते हैं। वहीं उन्होंने भ्रष्ट एसडीओ दिलीप व जेई पर भी कार्रवाई करने की गुहार लगाईं है। उन्होंने बताया कि बीते 26 सितंबर और 14 सितंबर 23 को गांव में तोड़फोड़ करने के लिए निगम अधिकारियों ने आश्वासन दिया था मगर नहीं आए।
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उन्होंने आरोप लगाया कि यह भूमाफियाओं से साजबाज का ही नतीजा है कि उनको समय दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे धारी लाखों रुपए महीना अवैध रूप से वसूल रहे हैं। जिनकी शिकायत भी उन्होंने काफी की हुई है । मगर मिलीभगत से उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
जब अवैध कब्जे हटवाने के बारे में जोन 3 के ज्वाइंट कमिश्नर डॉक्टर नरेश से फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि अवैध कब्जे हटवाने की कार्रवाई निरंतर चलती रहती है कई दफा पुलिस समय पर न मिलने के कारण तोड़फोड़ में देरी हो जाती है। जब उनसे पूछा गया कि एनफोर्समेंट के एसडीओ दिलीप पर तो ग्रामीण रिश्वत लेने के आरोप लगा रहे हैं तो उनका कहना था कि मुझे इस बारे में मालूम नहीं है। गांव ग्वाल पहाड़ी में आगे तोड़फोड़ की कारवाई कब होनी है, उन्होंने कहा दफ्तर से रिकॉर्ड देखकर ही कुछ बता पाऊंगा।