सत्य खबर । मध्य प्रदेश
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल 2020 को विधानसभा में पेश करने की तैयारी कर रहा है। इसमें 5 साल के कठोर कारावास का प्रावधान होगा। हम यह भी प्रस्ताव कर रहे हैं कि ऐसे अपराधों को एक संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां धर्म परिवर्तन, बलपूर्वक, धोखाधड़ी से या किसी को प्रलोभन देकर विवाह होगा वह शादी मान्य नहीं होगी।
इस अपराध को करने में मदद करने वालों को भी आरोपी माना जाएगा। आपको बता दें, इससे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानूने लाने की बात कह चुके हैं।
वहीं, यूपी की योगी सरकार ने भी लव जिहाद से निपटने के लिए कड़ा कानून बनाने का ऐलान किया था। उन्होंने लव जिहाद के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा था कि बहनों की इज्जत के साथ खेलने वालों का राम नाम सत्य हो जाएगा। वहीं अगस्ता वेस्टलैंड के 3000 करोड़ सौदे के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का नाम आने पर नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस से जवाब मानते हुए कहा कि हमेशा से कहता रहा हूं कि कमलनाथ के सीएम रहते वल्लभभवन दलालों का अड्डा बन गया था।
अब इस हाल ही में आई रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है। दरअसल, अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील मामले में मुख्य आरोपी राजीव सक्सेना ने अपने बयान में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ और भतीजे रतुल पुरी का नाम लेकर मामले को गरमा दिया है। राजीव सक्सेना ने अहमद पटेल और सलमान खुर्शीद का नाम भी लिया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हारने का सिल्वर जुबली पूरा कर चुके हैं, अब पूरी कांग्रेस के अंदर यह मान्यता हो गई है कि गांधी परिवार के नेतृत्व में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है। कांग्रेस की स्थिति ऐसी हो गई है कि गांधी परिवार को छोड़ते हैं तो मरते हैं और उनके नेतृत्व में काम करते हैं तो मरते हैं।
सहयोग करने वाले भी होंगे मुख्य आरोपी
नरोत्तम ने लव जिहाद कानून को लेकर कहा कि इसके तहत गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा और 5 साल तक की सजा का प्रावधान रहेगा। उन्होंने कहा कि लव जिहाद जैसे मामलों में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी। वहीं उन्होंने कहा कि शादी के लिए धर्मांतरण कराने वालों को भी सजा देने का प्रावधान इस कानून में रहेगा।
कलेक्टर को एक महीने पहले आवेदन जरूरी
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए एक महीने पहले आवेदन देना होगा। कई मामलों में देखा गया है कि युवतियां स्वेच्छा से धर्मांतरण कर शादी करना चाहती है। ऐसे मामलों को देखते हुए कानून में यह भी प्रावधान होगा कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन शादी के लिए करना चाहता है, तो उसे एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन देना होगा। धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के यहां यह आवेदन देना अनिवार्य होगा और बिना आवेदन के अगर धर्मांतरण किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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