Manager burnt in the iron smelting furnace
सत्यखबर, हापुड़
हापुड़ के धौलाना में लोहा गलाने की फैक्ट्री की भट्ठी में गिरकर फैक्ट्री के मैनेजर अनुराग त्यागी जिंदा जल गये। परिवार वालों का आरोप है कि उसे फैक्ट्री मालिक ने विवाद के बाद धधक रही भट्ठी में झोंक दिया। हमें बताया गया कि अनुराग ने भट्ठी में कूदकर आत्महत्या की है। पुलिस ने मृतक के भाई की तहरीर पर फैक्ट्री मालिक और डायरेक्टर समेत 3 पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
भट्ठी का टेंपरेचर भी 1600 डिग्री सेंटीग्रेट है, जिसमें सेकेंडों में लोहा गलकर लिक्विड बन जाता है। इस भट्ठी को ठंडा होने में 72 घंटे लगेंगे। उसके बाद पुलिस भट्ठी की राख में मैनेजर की अस्थियों को ढूढ़ेगी। घटना के बाद फैक्ट्री मालिक फरार है। बताया जाता है कि घटना के बाद फैक्ट्री मालिक CCTV की हार्ड डिस्क भी निकाल ले गया है।Manager burnt in the iron smelting furnace
पुलिस ने पूरा परिसर 3 दिन के लिए सील कर दिया है।
40 वर्षीय अनुराग त्यागी मूल रूप से मेरठ में किला परीक्षितगढ़ के रहने वाले थे। फिलहाल वो परिवार सहित गाजियाबाद के सिहानी में रहते थे। अनुराग हापुड़ के औद्योगिक क्षेत्र की जिस लोहा गलाने की फैक्ट्री में वह मैनेजर थे, उसका नाम है खेकड़ा कास्टिंग प्रा. लि.। फैक्ट्री का मालिक खेकड़ा का ही निवासी आसिफ अली है। करीब 7000 स्क्वायर फीट एरिया में बनी इस फैक्ट्री में पुराने लोहे और स्क्रैप को गलाया जाता है। इसके मेन गेट से अंदर घुसते ही हमें दाईं ओर एक भट्ठी धधकती मिली। जिससे 10 मीटर पास जाना भी मुश्किल था।
भट्ठी के पास ही लोहे के पुराने एंगिल, सरिया, स्क्रैप वगैरह पड़ा था। पूछने पर फैक्ट्री के बाहर बैठे कर्मचारी सोनू और धनंजय ने बताया कि भट्ठी का तापमान करीब 1600 डिसे था, उस दिन भी भट्ठी में लोहा गलाया जा रहा था। भट्ठी तप रही थी।
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सोनू ने बताया, ” मैनेजर साहब भट्ठी से करीब 30 मीटर दूर बैठे थे, काफी गुस्से में लग रहे थे। हम लोग मैगनेट लेने गए तबतक शोर बचा कि मैनेजर साहब भट्ठी में कूद गए। जब हम पास में पहुंचे तो भट्ठी के पास भीड़ लगी थी। मैनेजर साहब जल रहे थे। लेकिन उन्हें बचाने को कोई आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया, क्योंकि भट्ठी की लौ के सामने जाना भी मुश्किल था। उसके बाद पुलिस पहुंच गई और हम लोगों को बाहर कर दिया।Manager burnt in the iron smelting furnace
भट्ठी में जिंदा जले मैनेजर के भाई अरुण त्यागी ने बताया, “ सुबह 9 बजे मेरा भाई अनुराग ड्यूटी पर चला गया था। 11 बजे फोन पर उसने अपनी पत्नी को फोन कर फैक्ट्री मालिक से झगड़ा होने की बात बताई थी। दोपहर के ढाई बजे होंगे। अचानक फैक्ट्री के कर्मचारियों का फोन आया कि आपके भाई को चोट लग गई है। जबतक मैं घर वालों को कुछ बताता तबतक करीब 15 मिनट बाद ही पुलिस का फोन आता है कि आप सीधे फैक्ट्री पर आईये।”
अरुण के मुताबिक, पुलिस का फोन आते ही मैं किसी को बिना बताए सीधे फैक्ट्री पर पहुंचा तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने बताया कि आपके भाई की मौत हो चुकी है, उन्होंने बताया कि भाई ने सामने दहक रही भट्ठी में कूदकर खुदखुशी कर ली है। ये सुनते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। मैंने पूछा कि मेरे भाई की लाश कहां है,उसका चेहरा तो दिखा दो। मुझे पुलिस वालों ने समझाकर बिठाया। बताया कि भट्ठी जल रही है, उससे लाश मिलना संभव नहीं है।
इसके बाद अरुण ने कहा, “ इसमें पानी डालो तो कहा गया कि पानी डालने के बाद भी भट्ठी को ठंडा होनें में 3 दिन लग जाएंगे। तब मैंने भाई की पत्नी को फोन कर पूरी घटना बताई। उसने मुझे जो बताया उसे सुनकर मेरी रूह कांप गई। बहू ने कहा कि आज दोपहर में उनका फोन आया था। उन्होंने कहा था कि फैक्ट्री के मालिक से लड़ाई हुई है, उसने ही पति को मार डाला है। उसने कहा कि फैक्ट्री मालिक ने पति को भट्ठी में झोंककर हत्या की है। ये पूरी बात मैंने पुलिस को बताई तब पुलिस हरकत में आई और फैक्ट्री में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खोजने लगी।”
अरुण त्यागी ने कहा, “मेरे भाई फैक्ट्री मालिक ने भट्ठी में फिंकवा दिया है और अब उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। इसके बाद पुलिस फैक्ट्री के सीसीटीवी रूम में गई तो वहां से डीवीआर गायब मिली। फैक्ट्री का मालिक भी फरार हो चुका था। मुझे यकीन है कि मालिक अपनी करतूत छिपाने को डीवीआर साथ ले गया है।”
अरुण के मुताबिक, अनुराग (40) ने 6 महीने पहले ही धौलाना की इस फैक्ट्री में ज्वाइन किया था। इससे पहले वह दिल्ली में जॉब करता था। वहां से स्विच कर धौलाना में मैनेजर की पोस्ट पर ज्वाइनिंग की थी। फैक्ट्री का पूरा काम अनुराग ही देखता था। मैनेजर के साथ-साथ अब परिवार में पत्नी के आलावा दो बच्चे हैं, जिनमें बड़ी बेटी 6 साल की तो बेटा 5 साल का है। बाकी परिवार मेरठ में रहता है।
ASP मुकेश चंद्र मिश्र ने बताया कि मृतक के भाई अरुण त्यागी की तहरीर पर फैक्ट्री के मालिक आरिफ पुत्र असलम निवासी बागपत, मोहम्मद रिहान तथा केमिस्ट निवासी हापुड़ के खिलाफ धारा 302 और 201 में मुकदमा दर्ज किया है। तहरीर में लिखा है कि उसका भाई अनुराग पिछले छह महीने से फैक्ट्री में कार्य कर रहा था जिसका मालिक और अन्य लोगों से विवाद हो गया था। फैक्ट्री के मालिक ने निदेशकों के साथ मिलकर उसके भाई की हत्या कर दी है।
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