करनाल, 24 नवम्बर।
MP Deepender Hooda unveiled the statues of Deenbandhu Sir Chhotu Ram Ji and Shaheed Rammehar Singh and paid tribute to them.
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज इंद्री हलके के गांव खेड़ी मान सिंह में दीनबंधु सर छोटू राम जी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने शहीद राममेहर सिंह की मूर्ति का भी अनावरण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि चौ. छोटू राम जी ने पद की लालसा छोड़कर हमेशा ग़रीबों व किसानों के हकों की लड़ाई लड़ी। वे अंग्रेज हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ़ न तो बोलने से डरते थे और न ही लिखने से। चौ. छोटूराम जी को नैतिक साहस की मिसाल माना जाता है। उनके लिए गरीब और जरुरतमन्द किसानों की भलाई हर एक राजनीति, धर्म और जात-पात से ऊपर थी। चौ. छोटूराम जब तक जिंदा रहे, संयुक्त पंजाब में कभी भी सांप्रदायिक शक्तियों को उभरने नहीं दिया। आज हम सभी को चौ. छोटूराम की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को मजबूत करने की सबसे ज्यादा जरुरत है। दीपेन्द्र हुड्डा राजस्थान में विधान सभा चुनाव प्रचार कर वापस लौटने के बाद आज करनाल में अनेकों सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल हुए और लोगों से मुलाकात की।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि चौ. छोटू राम ने किसान को जिस गरीबी के दलदल से निकाला था भाजपा सरकार आज किसान को उसी दलदल में वापिस धकेलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक साल से ज्यादा समय तक चले ऐतिहासिक, अनुशासित, शांतिपूर्ण किसान आंदोलन और 750 किसानों की कुर्बानी के बाद इस सरकार को ये तीनों काले कानून वापस लेने पड़े। दुनिया में ये एक ऐसा उदाहरण है कि 750 किसानों के बलिदान के बावजूद किसान आंदोलन ने न तो अनुशासन तोड़ न ही शांति भंग की। किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा की बीजेपी जेजेपी सरकार पूरे देश में किसानों पर अत्याचार करने में भी नंबर 1 साबित हुई। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार की षड्यंत्रकारी नीतियों के कारण किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है।
उन्होंने बताया कि चौ. छोटू राम जी ने पराधीन भारत में कृषि की समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष किया एवं किसानों एवं मजदूरों के हित में कानून बनवाने का काम किया। गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट-1938 से किसानों को ज़मीन के अधिकार मिलने का रास्ता साफ़ हुआ। आज अगर किसान जमीन का मालिक है तो इसका पूरा श्रेय छोटूराम जी को जाता है। उन्होंने आजादी से पहले कर्जा वसूली के लिये जमीन की नीलामी पर रोक लगायी थी। चौ. छोटूराम से प्रेरणा लेकर ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने कर्ज न चुका पाने वाले किसानों की जमीन की नीलामी वाले काले कानून को खत्म किया था।
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इसके अलावा, पंजाब रिलीफ़ इंडेब्टनेस एक्ट 1934, पंजाब डेब्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट 1936, साहूकार पंजीकरण एक्ट- 1938, गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट-1938, कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम -1938, व्यवसाय श्रमिक अधिनियम- 1940 और कर्जा माफी अधिनियम- 1934 कानूनों के जरिये किसानों के मूलभूत अधिकारों को सुनिश्चित किया गया। कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम से किसानों को उनकी उपज की सही क़ीमत मिलने की क़ानूनी व्यवस्था बनी। दीपेन्द्र हुड्डा ने भरोसा दिलाया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों को एमएसपी गारंटी दी जाएगी।
इस अवसर पर पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, विधायक बलबीर बाल्मिकी, पूर्व विधायक सुमिता सिंह, पूर्व विधायक भीमसेन मेहता, पूर्व विधायक राजकुमार बाल्मिकी, पूर्व विधायक राकेश कंबोज, पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, पूर्व विधायक सुल्तान सिंह जडोला, पूर्व विधायक लहरी सिंह, सरदार त्रिलोचन सिंह, रघुबीर संधू, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र नरवाल, डॉ. सुनील पंवार, वीरेंदर नरवाल, भूपेंद्र सिंह लड्डी, किरनपाल बाल्मिकी, दयाल सिंह, अमरजीत धीमान, सरदार करम सिंह, पार्षद सचिन बूढ़नपुर, पार्षद रामफल कमालपुर, पार्षद अमित लांबा, पार्षद अमित बराना, मिसेज कमल मान, नित्ती मान, पप्पू लाठर, गौरव बक्शी, रणपाल संघू, जगपाल संधू, सुमन बेदी, विकास संधु, शहीद राममेहर के पिताजी पूर्ण सिंह, जगमाल संधु, मेवा राम संधु, अंकुर संधु, रिंकू संधु, अंकुश संधु, गौरव, रोहित श्योराण, नरेश संधु, जोगिंदर संधु, भीम सिंह संधु, सुबा सिंह, बिल्ला संधु, पंडित जोगिंदर शर्मा समेत बड़ी संख्या में स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।
MP Deepender Hooda unveiled the statues of Deenbandhu Sir Chhotu Ram Ji and Shaheed Rammehar Singh and paid tribute to them.