सत्य खबर, नैनीताल ।Nature can also affect Nainital, know how.
उत्तराखंड में इन दिनों भारी बारिश के चलते कई जिलों में बहुत बुरे हालात हैं. वहीं नैनीताल चौतरफा संकट में है और इस मानसून में भी 2021 जैसी बारिश हुई तो नैनीताल के रास्ते देशभर के लिये बंद हो सकते हैं. ऐसे इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जिस तरह के हालत वहां बने हुए है उससे वहां के हालात चिंता जनक बने हुए हैं.
आसमानी आफत बरसने के साथ नैनीताल पर चौतरफा संकट ने चिंता में डाल दिया है. नैनीताल हल्द्वानी सड़क हो चाहे कालाढुंगी नैनीताल मार्ग या फिर भवाली नैनीताल रोड कभी भी ध्वस्त हो सकते है. इन सड़कों में 20 से ज्यादा स्थानों पर क्रैक सड़क टूटने का भय दिखा रहा है, तो नैनीताल के अंदरूनी सड़कें भी ऐसी ही दरारों से पटी हुई हैं. राजभवन रोड और पंगूट रोड टूटने से इसके संकेत मिले है, तो शहर को संभाल रहे बलियानाला भी रोजाना टूट रहा है.
वहीं टिफिन टॉप और चायनापीक की पहाड़ी से हो रहे भू-कटाव बोल्डर गिरने से नैनीताल के रहनूमाओं की नीदें हाराम कर दी है. दहशत में रह रहे नैनीताल के लोगों को अब इस मानसून में भगवान से प्रार्थना से अलावा कुछ बचा नहीं है.
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स्थानीय नैनीताल त्रिभुवन फर्त्याल ने बताया कि दरअसल कुछ सालों से नैनीताल शहर संकट के दौर से गुजर रहा है. बलियानाले के कटाव ने टेंशन दी है तो ठंड़ी सड़क के भूटकटाव ने इसको दो गुना बढ़ा दिया है. वहीं बैंड़ स्टेंड से लेकर राजभवन के बीच फॉल्ट लाइन एक्टिव होने से नैनीताल शहर खतरे की जद में पहुंचा है. हांलाकि जिला प्रशासन और सरकार कागजों में योजनाएं तैयार कर रही हैं, लेकिन आज तक सड़कों से लेकर बलियानाले के ट्रिटमेंट के लिये सिर्फ सैद्धांतिक स्वीकृत ही मिल सकी है.
वहीं अब सड़कों की खराब हालत और नैनीताल के संकट पर डीएम वंदना सिंह ने कहा है कि बहरहाल नैनीताल को बचाने के लिये जरूरी है कि शहर का दबाव कम करें और अवैध निर्माण पर सरकार लगाम लगाएं, लेकिन अगर नैनीताल शहर में चल रही हलचलों पर कार्य नहीं किया गया तो भविष्य के परिणाम गम्भीर दिखाई दे रहे हैं. जल्द सरकार एक्टिव मोड़ में आए ताकि अपनी धरोहर अपना सरोवर बचाया जा सके.Nature can also affect Nainital, know how
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